रक्तदान को लेकर भ्रम और सच्चाई!! Blood Donation Confusion Truth in Hindi

रक्तदान का नाम सुनते ही कुछ लोग तो सुई के डर से ही घबरा जाते है तो कुछ शारीरिक कमचोरी का वहम हावी कर लेते है और कुछ छोटी सी बीमारी के कारण रक्तदान नहीं करते।

वहम हकीकत
शरीर में एक निष्चित मात्रा में ही रक्त है और इसे किसी और को देना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं। एक बार में 350-450 मिली रक्त ही लेते है। शरीर में इससे 10-12 गुना रक्त होता है। दुष्प्रभाव नहीं!
रक्त दान से शरीर में रक्त की कमी हो जाती है, जिससे शारीरिक कमचोरी पैदा होती है। दान किए हुए रक्त की भरपाई 1 दिन से 2 दिन में होती है। रक्तदान के बाद तेजी से बनती है रक्त कोषिकाएं।
रक्त दान करते वक्त एचआईवी या अन्य संक्रमण होने का खतरा रहता है। हर रक्तदाता के लिए नई सुई का उपयोग किया जाता है। उपकरणों को रोगाणु मुक्त किया जाता है।
अगर किसी को उच्च रक्तचाप है तो ऐसे लोग रक्तदान नहीं कर सकते। 180 सिस्टोलिक (उच्चांक) और 100 डायस्टोलिक (निम्नांक) है तो रक्त दान कर सकते है।
उच्च काॅलेस्ट्रोल और किसी अन्य प्रकार की दवा ले रहा व्यक्ति रक्त दान के लिए फिट नहीं होता। उच्च काॅलेस्ट्रोल होना बाधक नहीं। कोई अन्य बीमारी भी नियंत्रण में है तो दवा लेने वाला भी रक्त दे सकता है

 

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