लू से बचाव एवं प्राथमिक घरेलू उपचार

गर्मियों में चलने वाली प्रचण्ड उष्ण तथा शुष्क हवाओं को “लू” कहते है। इस तरह की हवा मई तथा जून में चलती हैं। “लू” के समय तापमान 45° सेंटिग्रेड से तक जा सकता है। गर्मियों के इस मौसम में लू चलना आम बात है। “लू” लगना गर्मी के मौसम की बीमारी है। “लू” लगने का प्रमुख कारण शरीर में नमक और पानी की कमी होना है। पसीने की “शक्ल” में नमक और पानी का बड़ा हिस्सा शरीर से निकलकर खून की गर्मी को बढ़ा देता है। “लू” को कुछ लोग सहन कर जाते है पर कुछ लोग सहन नहीं कर पाते और लू का शिकार हो जाते है। सिर में भारीपन लगता है, नाड़ी की गति बढ़ने लगती है, खून की गति भी तेज हो जाती है। साँस की गति भी ठीक नहीं रहती तथा शरीर में ऐंठन-सी लगती है। बुखार काफी बढ़ जाता है। हाथ और पैरों के तलुओं में जलन-सी होती रहती है। आँखें भी जलती हैं। इससे अचानक बेहोशी व अंततः रोगी की मौत भी हो सकती है।

लू से बचने के कुछ घरेलू उपाय:-

• गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर में जलीयांश की कमी नहीं होने पाए। पानी में नींबू व नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू नहीं लगती।

• गर्मी में ठंडाई का सेवन नियमित करना चाहिए। मौसमी फलों का सेवन भी लाभदायक रहता है जैसे, खरबूजा, तरबूज, अंगूर इत्यादि।

• लू से बचने के लिए दोपहर के समय बाहर नहीं निकलना चाहिए। अगर बाहर जाना ही पड़े तो सिर व गर्दन को तौलिए या अंगोछे से ढँक लेना चाहिए। अंगोछा इस तरह बाँधा जाए कि दोनों कान भी पूरी तरह ढँक जाएँ।

• गर्मी के दिनों में प्याज का सेवन भी अधिक करना चाहिए एवं बाहर जाते समय कटे प्याज को जेब में रखना चाहिए।

• सब्जियों के सूप का सेवन करने से भी लू से बचा जा सकता है !

• गर्मी के दौरान नरम, मुलायम, सूती कपड़े पहनना चाहिए जिससे हवा और कपड़े शरीर के पसीने को सोखते रहते हैं।

• गर्मी के दिनों में हल्का व शीघ्र पचने वाला भोजन करना चाहिए। बाहर जाते समय खाली पेट नहीं जाना चाहिए। भोजन में दही को शामिल करना चाहिए।

• गर्मी के मौसम में खाने के बाद गुड़ खाने से भी लू लगने का डर कम होता है !

• पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू लगने का खतरा कम रहता है !

• तेज धूप से आते ही और ज्यादा पसीना आने पर फौरन ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए !

• धूप से आने के बाद थोड़ा सा प्याज का रस शहद में मिलाकर चाटने से लू लगने का खतरा कम होता है !

• इमली के बीज को पीसकर उसे पानी में घोलकर कपड़े से छान लें – इस पानी में शकर मिलाकर पीने से लू का शमन होता है !

• धनिए को पानी में भिगोकर रखें, फिर उसे अच्छी तरह मसलकर तथा छानकर उसमें थोड़ी सी शकर मिलाकर पीने से गरमियों में लू से राहत मिलती है !

• घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर बाहर निकलें – जैसे आम पना – शिकंजी – खस का शर्बत ज्यादा फायदेमंद है !

• लू लगने और ज्यादा गर्मी में शरीर पर घमौरियां हो जाती हैं – बेसन को पानी में घोलकर घमौरियों पर लगाने से फायदा होता है !

• नहाने से पहले जौ के आटे को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर बॉडी पर लगाकर कुछ देर बाद ठंडे पानी से नहाने से लू का असर कम होता है।

लू लगने पर क्या करें:-

• लू लगने पर जल्‍दी से जल्‍दी अच्‍छे डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर को दिखाने के पूर्व कुछ प्राथमिक उपचार करने पर भी लू के रोगी को राहत महसूस होने लगती है।

• चाय-कॉफी आदि गर्म पेय का सेवन अत्यंत कम कर देना चाहिए।

• रोगी को तुरंत प्याज का रस शहद में मिलाकर देना चाहिए।

• 104 डिग्री से अधिक बुखार होने पर बर्फ की पट्टी सिर पर रखना चाहिए।

• बुखार तेज होने पर रोगी को ठंडी खुली हवा में आराम करवाना चाहिए।

• रोगी के शरीर को दिन में चार-पाँच बार गीले तौलिए से पोंछना चाहिए।

• लू लगने पर जौ के आटे और प्याज को पीसकर पेस्ट बनाएं और उसे शरीर पर लगाएं। जरूर राहत मिलेगी !

• प्यास बुझाने के लिए नींबू के रस में मिट्टी के घड़े अथवा सुराही के पानी का सेवन करवाना चाहिए। बर्फ का पानी नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि इससे लाभ के बजाए हानि हो सकती है।

• मेथी की सूखी पत्तियों को ठंडे पानी में कुछ समय भिगोकर रखें। बाद में उसे हाथ से मसलकर छान लें। इस पानी में थोड़ा सा शहद मिलाकर दो-दो घंटे पर रोगी को पिलाएँ !

• कैरी का पना विशेष लाभदायक होता है। कच्चे आम को गरम राख पर मंद आँच वाले अंगारे में भुनकर, ठंडा होने पर उसका गूदा निकालकर उसमें पानी मिलाकर मसलना चाहिए। इसमें जीरा, धनिया, शकर, नमक, कालीमिर्च डालकर पना बनाना चाहिए। पने को लू के रोगी को थोड़ी-थोड़ी देर में दिया जाना चाहिए।


English Summery : – Home Remedies Treatment for Loo in Hindi, Heat Stroke First Aid in Hindi, Loo Lagne Par Kya Kare Gharelu Upchar in Hindi



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