सर्दी-जुकाम में लें प्राकृतिक चिकित्‍सा की मदद।

सर्दी-जुकाम खांसी श्‍वसन प्रणाली के अवयवों से संबंधित बीमारियां हैं। सर्दी नाक से शुरू होकर गला, श्‍वास नलिकाएं कान तक पहुंचती है और फेफडों में पहुंचकर अस्‍थमा में तब्‍दील हो जाती है। ऐसे में प्राकृतिक उपचार की मदद से राहत पाई जा सकती है।

क्‍या है लक्षण:-

नाक में खुश्‍की, छीकों का आना, गले में खराश, गले में खुजली, नाक-आंखों से पानी आना, नाक से श्‍लेष्‍मा निकलना जाे शुरू में सफेद व बाद में पीलापन लिए होता है। सुस्‍ती, आलस्‍य, थकान, सिरदर्द, बुखार, मुंह का बेस्‍वाद होना, अन्‍न के प्रति अरुचि होना, अंगों में दर्द आदि लक्षण सर्दी होने पर एकाधिक उपस्थित होते हैं।

भाप स्‍नान:-

एक लीटर पानी में 100-150 ग्राम पत्‍तागोभी के मोटे ऊपरी पत्‍तों को कसकर डालें। ढक्‍कन से ढककर अच्‍दी तरह उबालें, भाप निकलना शुरू होने पर ढक्‍कन हटाकर चेहरे व सिर को टावल से ढककर 5 से 10 मिनट तक भाप का सेवन करें। इससे नाक का द्रव्‍य बिना किसी दुष्‍प्रभाव के ठीक हो जाता है। गौरतलब है कि पत्‍तागोभी में स्निग्‍धता प्रदान करने वाले घटक होते हैं, इनसे द्रव्‍य कम होकर बिना संक्रमण फैलाए ठीक होने लगता है। इससे नाक की आंतरिक त्‍वचा की ललाई भी कम होती है। उसके ऊपर परत का निर्माण होने लगता है।

जल नेति:-

जल नेति के पात्र में नमक मिले गुनगुने जल से एक नासिका में पानी डाल कर दूसरी नासिका से निकलने पर नाक की अंतरत्‍वचा स्‍वच्‍छ होती है तथा संचित श्‍लेष्‍मा (नाक के अंदर इक्‍ट्ठा म्‍यूकस) निकलकर सायनस की बीमारी दूर होती है।

मुंह में एक चम्‍मच तले तिल डालकर 2-3 मिनट तक घुमाने से एक आंतरिक पर्त बनती है, इससे प्रदूषणों से बचाव होता है।

सर्दी, जुकाम, खांसी के तीव्र आवेग तथा बुखार व थकान की स्थिति में मरीज को पूर्ण विश्राम करना चाहिए।

नहाने से पहले पूरे शरीर को रोएदार तौलिए से या नरम ब्रश से रगड़ना चाहिए, इसके बाद गुनगुने जल से स्‍नान करने में त्‍वचा विकार दूर होते है।

खांसी के निदान के लिए तुलसी के 10 पत्ते एक प्‍याले पानी में उबालें, छानकर एक चम्‍मच शहद डालकर दिन में दो बार पीना लाभकारी होता है।

तुलसी के रस में समान मात्रा में अदरक और पान का रस, कालीमिर्च, काला नमक और शहद मिला लें, इसे चाटने से पुरानी खांसी में राहत मिलती है।

गले में खराश व खांसी के लिए पिसी हल्‍दी चौथाई चम्‍मच, एक चम्‍मच शहद के साथ सुबह शाम लेना भी लाभकारी होता है।


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