अकबर बादशाह को कहानी सुनने का बड़ा शौक था, इसलिये वह कुछ चुने हुए दर्बारियों की ऐसी पारी बांध रक्खी थी जो अपनी-अपनी पारी पर रात्रि में बादशाह के मनोरंजनार्थ नित्य नवीन-नवीन कहानियॉं सुनाया करते थे। एक दिन बीरबल की बारी आई। यथा समय कहानी शुरू हुई। बादशाह हुँकारी भरने लगा। इस प्रकार बीरबल को कहानी कहने में बड़ी तकलीफ होती थी कारण की बादशाह बड़ी से बड़ी कहानी सुनना चाहता था। जब बीरबल एक संपूर्ण वाक्य कह जाता तब बादशाह केवल ‘और’ कहकर ही छुट्टी पा जाता था। छोटी मोटी कहानियों से बादशाह को संतोष नहीं होता था। वह हमेशा बड़ी से बड़ी कहानियॉं सुनने की फिराक में रहता था।
बीरबल को कहानी सुनाते बहुत रात व्यतीत हो गई, फिर भी बादशाह से फुरसत मिलने की कोई आशा न दिखाई पड़ी, वह झल्ला उठा और अपने मन में सोचा- ‘जो कुछ भी परिश्रम है, वह मेरे हो है, बादशाह तो केवल एक शब्द कहकर फुरसत पा जाते हैं, इसलिये अब कोई ऐसी तरकीब सोचनी चाहिये जिससे बादशाह भी झल्ला उठें।’ वह अपनी प्रखर बुद्धि के कारण तुरंत एक ऐसी ही तरकीब ढूँढ़ निकाली और उसी के अनुसार दूसरी कहानी शुरू की- ”एक धनिक किसान ने अपने अन्न को सुरक्षित रखने के लिये एक कोठली बनवा रखी थी, उसमें अनाज भर कर उसके मुँह पर ढ़क्कन रखकर उसे भलीभॉंति बंद कर दिया, यहॉं तक कि उसमें हवा आने जाने तक की जगह भी नहीं छूटी थी।
विधि का विधान कठिन होता है, उस कोठली में एक छोटा सा छिद्र छूट गया था, जिसके द्वारा एक छोटी चिडि़या उस कोठली में घुस गई और एक दाना अपनी चोंच में लेकर बाहर निकल आई और ‘फुर्र’ उड़ गई। फिर दूसरी चिडि़या घुसी और अपना भाग लेकर ‘फुर्र’ उड़ गई। फिर तीसरी चिडि़या आई और भीतर गई, अपना दाना लेकर ‘फुर्र’ उड़ गई, फिर और एक चिडि़या आई औश्र भीतर घुसकर अपना दाना लेकर ‘फुर्र’ उड़ गई। इसी तरह लगातार कहते-कहते बीरबल को सैकड़ों बार हो गया तब बादशाह और और कहता कहता थक गया तो झुँझला कर बीरबल से बोला-
”यह तो मैं सुन चुका, अब आगे क्या हुआ सो कहो, बीरबल ने गंभीरता से उत्तर दिया-” पृथ्वीनाथ! दाने के लोभ से वहां पर चिडि़यों का जमघट लग गया यहॉं तक कि वहॉं करोड़ों चिडि़यॉं इकट्ठी हो गई और अपना अपना दाना बारी-बारी से लेकर जाने आने लगी। अभी सौ पचास की ही बारी आई है, जब सब चिडि़यॉं का पेट भर जायेगा तो कहानी आगे चलेगी। बादशाह बोला ” मैं ऐसी कहानी से भर पाया अब इसे यहीं बंद करो” बीरबल को अवकाश मिल गया वह मन ही मन गाता हुआ वहॉं से प्रस्थान किया।
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