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एकान्तवास की व्याख्या बीरबल का नियम था कि दरबार से फुरसत पाकर वह अपना कुछ समय एकान्तवास में बिताया करता था। एक दिन जब कि वह दरबार से खाली होकर अपने घर लौट रहा था तो मार्ग में उसे एक आदमी मिला। वह बीरबल से पूछा- महाशय जी! क्या आप कृपा कर मुझे बीरबल के…
एक दिन शीतकाल में कुछ लोगों के साथ बादशाह हवा सेवन के लिए नगर से बाहर निकला। वह घूमते-घूमते एक ऐसे स्थान पर जा पहुँचा जहॉं एक पुराना जलकुण्ड जल से लबालब भरा हुआ था। उस कुण्ड पर आदमियों वा जानवरों का समागम भी बहुत कम था। बादशाह ने अपना हाथ कुण्ड में डुबोया, उसका…
दिल्ली नगर एक बड़ा शहर है, उसमें सभी श्रेणी के मनुष्य निवास करते हैं। इसी शहर में एक अति दीन मनुष्य भी रहता था। वह बड़ा कंजूस था। कंजूसी के कारण धीरे-धीरे इसके पास बहुतेरी मुहरें इकट्ठी को गई। जब उसे मुहरों को घर में रखने से चोरी हो जाने की आशंका हुई तो उन…
बुलाता आ… एक दिन बादशाह प्रात: काल हाथ मुँह धोकर अपने एक नौकर से बोला- बुलाता आ। लेकिन आगे का मतलब नहीं बतलाया कि फलॉं को बुलाता आ। बिचारे नौकर ने बहुतेरा मूड़ मारा, पर उसकी समझ में कुछ न आया कि आखिरस किसको ले जावे। वह निरर्थक बहुतेरे आदमियों के पास दौड़ा, आया, गया…
थोड़ा और बुहत! एक दिन बीरबल अपनी छोटी कन्या को साथ लेकर दरबार में गया। पहले बादशाह ने उस को बहुत प्यार किया जब वह प्रसन्न होकर कुछ बातें करने को उद्यत हुई तो बादशाह ने पूछा- क्यों बेटी! क्या तुम बातें करना जानती हो? जब उस लड़की ने जवाब दिया- थोड़ा और बहुत। बादशाह…
एक दिन बादशाह ने बीरबल से पूछा- क्यों बीरबल संसारसंसार के मनुष्यों की बुद्धि एक समान होती है वा उसमें कुछ अंतर भी होता है। बीरबल ने जवाब दिया- पृथ्वीनाथ! क्या आपने इस कहावत को नहीं सुना है- सब सयानों का एक मत। यानी और सब बातों में तो लोगों की बुद्धि में विभेद पाया…
दिल्ली शहर में कपूर चंद्र जौहरी के दो पुत्र थे। बड़े का नाम रूपचंद्र और छोटे का फूलचंद जौहरी था। मरते समय कपूरचंद काफी धन अपने दोनों लड़को के लिये छोड़ गया था। बाप के क्रिया कर्म के पश्चात जो कुछ धन बच रहा उससे दोनों भाइयों ने कई वर्षो तक गुलछर्रे उड़ाये। आखिरकार उनकी…
एक रात्रि में किसी मनुष्य को जब कि वह अचेत निद्र देवी की गोद में पड़ा-पड़ा विश्राम कर रहा था, ऐसा स्वप्न दीख पड़ा- मैं किसी किसी वेश्या के पास सोया हुआ हूँ। तमाम रात उसके साथ सोहबत करने के बाद दसे दस अशर्फियॉं देकर घर लौट रहा हूँ। जब वह नींद से जगा तो…
बीरबल अपनी चालाकी से बादशाह हो बारम्बार नीचा दिखाया करता जिससे वह बीरबल से हमेशा शरमिन्दा रहता था। एक दि बादशाह से बदला लेने का विचार किया। अच्छे-अच्छे बैज्ञानिकों और कारीगरों से सम्मति लेकर अपने रहने के कमरे में एक ताख इस ढंग का बनवाया कि जिसके जरिये बीरबल को धोखा दिया जा सके। उसमें…
यह तो किसी से छिपा नहीं है कि बीरबल अकबर का मुँह लगा दीवान था। वह उसको हर प्रकार से मात किये रहता था। एक दिन बादशाह गुस्से में था। बीरबल उसके मनोगत भावों को ताड़ न सका और बातों-बातों में उसकी हँसी उड़ाने लगा। बादशाह को उसकी हँसी से मार्मिक वेदना हो रही थी।…