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अच्छी हैंडराइटिंग आत्मविश्वास जगाती है, बच्चों की हैंडराइटिंग पर पैरंट्स को ध्यान देना चाहिए
पैरंट्स अपने बच्चों के विकास का पूरा ध्यान रखते हैं और उनके आगे बढ़ने से जुड़े हर एक पहलु पर मदद भी करते है। लेकिन कई पैरेंट्स अपने बच्चे की हैडराइटिंग को लेकर उतने उवेयर नहीं रहते कमजोर होने पर बच्चे की हैडराइटिंग में सुधार करना चाहिए। जानते हैं अपने बच्चे की हैडराइटिंग को कैसे इम्प्रूव करें
बच्चों की हैडराइटिंग में सुधार के लिए उन्हें पहेली हल करने, डॉट्स जोड़ने, पजल सॉल्व करने के लिए भी कहें। इनके जरिए वे खेल-खेल में अपनी लेखनी की तरु ध्यान देंगे। उनके लिए ये रोजक होगा। वे इस तरह की एक्टिविटीज में दिलचस्पी लेंगे और इस बहाने उनकी राइटिंग इम्प्रूव हो पाएगी।
पेंसिल पर पकड़
पेरेंट्स होने के नाते आपकी यह जिम्मेदारी बनती है कि उपके बच्चे की कमजोर हैंडराइटिंग को सुधारने में आप मदद करें। आपकी इसमें थोड़ी सी दिलचस्पी और मदद हैंडराइटिंग को सुधार सकती है। अच्छी हैंडराइटिंग के लिए पहली शर्त है, बच्चा या बच्ची पेन अथवा पैंसिल को अच्छी तरह पकडना सीखे। बच्चे को पेंसिल अच्छी तरह पकड़ना सिखाएं और इसकी आदत डालें। पेंसिल अंगूठे, उसके नजदीक और बीच की उंगली से पकड़ी जाए। पकड़ टाइट होने के बजाय आसान होनी चाहिए। पेंसिल अच्छी पकड़ वाली होनी चाहिए।
अक्षरों की बनावट
कमजोर हस्तलेखन का एक कारण यह भी है कि अक्षरों की बनावट सकी नहीं होती। शब्दों को सीधा लिखा जाना चाहिए। केपिटल और स्माल लैटर की सही समझ हो। बेहतर यह है कि चार लाइनों वाली नोटबुक का इस्तेमाल किया जाए। उन्हें शब्दों की बनावट समझाई जाए।
दबाव नहीं सहज
बच्चे का हस्तलेख सुधरवाते वक्त उस पर किसी तरह का दबाव न बनाएं। उसे आसानी और सहज तरीके से यह सब कुछ सिखाएं। बीच-बीच में हंसी मजाक और खेल-खेल में उसको यह सब कुछ सिखाने की कोशिश करें। बच्चे में इसको लेकर दिलचस्पी पैदा करें।
लिखने की गति
अच्छे हस्तलेखन में लिखने की गति भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। न तो बच्चा बहुत धीरे-धीरे लिखे और ना ही बहुत तेज। बच्चे की लिखने की गति का निर्धारण करें। बच्चा बहुत ही धीरे-धीरे लिखता हो तो उसकी कुछ गति बनाएं और बहुत तेज लिखने पर कुछ तसल्ली से लिखवाएं। उसकी लिखने की गति पर अच्छी तरह गौर करके ही इसको सुधारने की कोशिश करें। धीरे लिखने पर बच्चा आगे पिछड़ता है और अधिक तेज लिखने पर हैंड राइटिंग बिगड़ने का डर रहता है।
पकड़ के लिए
जैसा कि आप जानते हैं लिखने में पेंसिल पकड़ना महत्वपूण होता है, इसलिए बच्चे की पेंसिल पर अच्दी पकड़ के लिए अन्य एक्टिविटीज भी कराई जा सकती है। यह गतिविधियां बच्चे की उंगलियों और कलाई से संबंधित हो ताकि उनकी पकड़ मजबूत बने। जैसे वे जम्मच व कांटे का इस्तेमाल करें। उनसे पेपर कटवाएं। मुट्टी में लेकर भी वे वस्तुओं को अच्छी तरह पकड़ना सीख सकते हैं। वे लकड़ी के दो ब्लॉक बनाएं। उनसे कागज पर कलर करने के लिए कहें। इनसे बच्चे की पकड़ने की आदत मजूबत होती है।
वे ज्यादा पढ़ें
बच्चे का हस्तलेख सुधरवाने के लिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा पढ़ने के लिए कहें। जब बच्चा कई बार उन शब्दों को देखेगा तो वह उन्हें उसी तरह अच्छे तरीके से लिखने की कोशिश करेगा। इसके अलावा आप जानें कि बच्चे को कमजोर हैंडराइटिंग की वजह उसका दिलचस्पी नहीं लेना है या फिर उसके सामने लिखने में कोई अलग परेशानी आ रही है। इस बात को जानकर उसकी परेशानी हल करें और उसमें अच्छा लिखने के लिए ललक पैदा करने का कोई भी मौका न छोड़ें।
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