दिल्ली नगर व्यापारों का केन्द्र था, इस लिये वहॉं बहुतेरे व्यापारी बसते थे। घी के दो व्यापरियों में कुछ अनबन हो गई। इसलिये उनमें का एक व्यापारी बादशाह के पास पहुँचकर बोला- पृथ्विीनाथ! अमुक…
बैजर नामी ग्राम में दो आदमी बड़े मित्र भाव से बसते थे। उनमें एक का नाम पंडित शुशर्म्मा था जो अति विद्वान, सदाचारी तथा गंभीर प्रकृति का था। दूसरे मित्र का नाम सुदामा था।…
अकबर बादशाह को ठट्ठेबाजी (मसख़रा) का बड़ा शौक था और दैवयोग से बीरबल भी बड़ा ठट्ठेबाज (मसख़रा) था। एक दिन बादशाह और बीरबल में ठट्ठेबाजी हो रही थी बादशाह ने कहा- बीरबल बहुत दिन…
एक दिन की घटना है कि बादशाह और बेगम दोनों भोजनोपरान्त बाग में झूला झलते हुए सानन्द गपशप लड़ा रहे थे अचानक बेगम की उर्ध्ववायु खुली, जिससे बादशाह बहुत चिढ़ गया और बेगम को…
संध्या का समय था अकबर अपने बाग में दरबारियों के साथ राजकीय विषयों पर विचार कर रहा था, इतने में तानसेन ने अपनी सारंगी मिलानी शुरू की। सबका ध्यान तानसेन के बाद्य की तरु…
एक मूर्ख ब्राहृाण को पंडित कहलवाने की बड़ी प्रबल इच्छा थी। विचारा सतत् प्रयत्न करने पर भी जब कामयाब न हुआ तो उसे बीरबल से मिलकर कार्य-साधन की तरकीब सूझी। वह तुरत बीरबल के…
दिल्ली शहर के एक मुहल्ले में दो पडोसिनें बहुत दिनों से आबाद थीं, परंतु दोनों का स्वभाव भेद से उनकी पटरी नहीं खाती थी। उसमें एक तो गुणवती और सरल स्वभाव की थी परंतु…
अकबर बादशाह को कहानी सुनने का बड़ा शौक था, इसलिये वह कुछ चुने हुए दर्बारियों की ऐसी पारी बांध रक्खी थी जो अपनी-अपनी पारी पर रात्रि में बादशाह के मनोरंजनार्थ नित्य नवीन-नवीन कहानियॉं सुनाया…