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21 to 30 Kabir Das Ke Dohe Arth Sahit in Hindi With Image

कबीर दास के दोहे अर्थ सहित हिंदी में 21 से 30 तक।

21) हाड़ जलै ज्यूं लाकड़ी, केस जलै ज्यूं घास। सब तन जलता देखि करि, भया कबीर उदास।। अर्थ: यह नश्वर मानव देह अंत समय में लकड़ी की तरह जलती है और केश घास की…

Kabir Ke Dohe on Life With Meaning in Hindi

जिंदगी पर कबीर के 10 दोहे अर्थ सहित!!

1) सत्संगति है सूप ज्यों, त्यागै फटकि असार । कहैं कबीर गुरु नाम ले, परसै नहीँ विकार ।। अर्थात :- सत्संग सूप के ही तुल्ये है, वह फटक कर असार का त्याग कर देता…

Kabir Ke 20 Chuninda Dohe with Meaning in Hindi

कबीर के 20 चुनिंदा दोहे अर्थ सहित (भाग-1)

1) जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान । मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान ।। अर्थात:- सज्जन की जाति न पूछ कर उसके ज्ञान को समझना चाहिए। तलवार का मूल्य…

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