एक दिन रात्रि समय बीरबल किसी कार्यवश नगर से बाहर दूसरे ग्राम को जा रहा था, थोड़ी दूर जाने के बाद उसे एक झोपड़ा दिखाई पड़ा। उस झोपड़े से किसी के रोने की आवाज आ रही थी। अर्धरात्रि के समय फूट-फूट कर रोने का शब्द सुन बीरबल से न रहा गया। वह झोपड़े के पास […]
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घी का व्यवसाय – Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral
दिल्ली नगर व्यापारों का केन्द्र था, इस लिये वहॉं बहुतेरे व्यापारी बसते थे। घी के दो व्यापरियों में कुछ अनबन हो गई। इसलिये उनमें का एक व्यापारी बादशाह के पास पहुँचकर बोला- पृथ्विीनाथ! अमुक व्यापारी मुझसे एक हजार रूपया कर्ज लेकर अब देने से हीला हवाली करता है। उसकी नीयत रूपये देने की नहीं है। […]