डेयर टु लीड
अपनी क्षमता से ज्यादा काम करना भी गलता!
जब चीजें वैसी नहीं होती हैं, जैसी आपने सोची थी तो डिप्रेशन होता है। अपनी सीमाओं को समझें। कई बार प्लानिंग तो हमारी ज्यादा होती है लेकिन रिसोर्सज की कमी की वजह से लक्ष्य तक नहीं पहुंचते हैं। अपने आज के काम को पुराने से कम्पेयर करें। अगर आपने पहले से बेहतर काम किया है तो इसका मतलब है धीरे-धीरे आप अपना स्तर बढ़ा रहे हैं।
हाड टु विन फ्रेंड्स एंड इंफ्लुएंस पीपल
आप ही ये तय करें कि कब क्या काम करना है!
कभी भी चीजों को केवल इसलिए नहीं छोड़ें कि दूसरे सोचते हैं आपको ऐसा करना चाहिए। ये केवल आपकोही तय करना है कि कब क्या छोड़ाना है। चीजें तब ही छोडें, जब आपको आपने काम में मजा न आ। खुद की सेल्फ-एस्टीम पर आंच न आने दें। यह आपको ही सोचना है कि आप कहां गलत जा रहे हैं। केवल जरूरी मुद्दों पर ही ध्यान दें बाकी सब छोडें।
पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग
बुराई भी फायदेमंद होता है, उससे डरें नहीं!
शोध बताते है कि तारीफ की बजाय बुराई को लोग ज्यादा जल्दी सुनते हैं और इसका उन पर असर भी लंबे समय तक रहता है। अच्छाई से बुराई ज्यादा मजबूत होती है। कार्यस्थल पर बुराई मिल रही है तो इसे सफलता की पहली सीढ़ी मानें। परफॉंमेंस रिव्यू के दौरान बुराई फायदेमंद है। इससे काम में सुधार दिखता है औश्र आपकी पोजिशन पहले से ज्यादा मजबूत हो जाती है।
द पावर ऑफ पॉजिटिव एटिटयूड
मन में केवल सकारात्मक विचारों को ही जगह दें!
शोध बताते है कि नींद हमारे मस्तिष्क में परिवर्तन करती है, जिससे हमारी स्किल्स और दिमाग मजबूत होते है। यदि दिन में हम कोई स्किल सीखते हैं, और रात में उस दिन सीखी बातों को ध्यान में रखते हुए सोते हैं, तो अगले दिन हमारा प्रदर्शन पहले से बहुत बेहतर होगा। शेघ बताते है कि अपने मन में सही धारणाओं और रचनात्मक विचारों को ही उकेरना चाहिए।
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