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नेत्र रोगों (Eye Diseases) का आयुर्वेदिक उपचार एवं दवा

• अरहर की दाल को स्‍वच्‍छ पत्‍थर पर पानी के साथ घिसकर दिन में 2-3 बार ऑंख की गुहेरी पर लगाने से लाभ होता है। • लहसुन छील काटकर (दवाकर) इसका रस ऑंख के गुहेरी पर दिन में 3-4 बार लगाना अत्‍यधिक लाभप्रद है। • अनन्‍त मूल के मुलायम पत्‍तों को तोड़ने से जो दूध […]

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आँख आना, अभिष्‍यन्‍द (Conjunctivitis) आयुर्वेदिक उपचार एवं दवा

रोग परिचय:- इस रोग में आँखें दुखने पर कड़क, जलन, पीड़ा, तथा जल स्‍त्राव होता है, नेत्र लाल तथा शोथयुक्‍त हो जाते हैं, नेत्र खोलने में कष्‍ट होता है। शीत, चोट, धूल का कण अथवा 1 आँखं आने पर उसके व्‍यवहार में आई हुई वस्‍तुओं का उपयोग, धूप, ओस तथा विटामिन ए का शरीर में […]

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अपस्‍मार ( मिर्गी ) Epilepsy की आयुर्वेदिक दवा एवं इलाज

रोग परिचय:- यह अंग्रेजी में (Epilepsy) तथा हिकमत में सरा और आयुर्वेद में अपस्‍मार तथा साधारणतय: आम बोलचाल में मिर्गी के नाम से जाना जाता है। यह रोग सेन्‍ट्रल नर्वस सिस्‍टम (केन्‍द्रीय तन्त्रिका संस्‍थान) अर्थात् मस्तिष्‍क से संबंध रखता है। इस रोग में मस्तिष्‍क के तंत्रिका में गड़बड़ी हो जाती है। इस रोग में रोगी […]

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अनिद्रा (नींद न आना) Insomnia के लिए आयुर्वेदिक दवा एवं उपचार

रोग परिचय:- यह स्‍वयं में कोई रोग नहीं है, बल्कि शरीर में उत्पन्‍न हो रहे अथवा उत्पन्‍न हो चुके अन्‍य दूसरे रोगों का एक विकार (लक्षण) मात्र है। • भांग को बकरी के दूध में पीसकर पैर के तलुओं पर मालिश करने से अथवा पलकों पर लेप करने से उत्तम निद्रा आती है। • स्‍वर्णक्षीरी […]

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आधासीसी अर्द्धावभेदक (Migraine) आयुर्वेदिक उपचार

रोग परिचय:- इस रोग को सूर्यावर्त्त भी कहा जाता है। इस रोग में आधे सिर का दर्द प्रतिदिन सुबह सूरज निकलते ही आरम्‍भ हो जाता है। जैसे-जैसे सूरज चढ़ता जाता है, दर्द बढ़ता जाता है किन्‍तु जैसे ही दोपहर के बाद सूरज पश्चिम की ओर ढलना (डूबना) शुरू होता है, दर्द में कमी होती जाती […]

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अर्श, बवासीर ( Hemorrhoids, Piles ) के लिए आयुर्वेदिक उपचार

जानें बवासीर रोग क्‍या है और उसका परिचय:- इसमें गुदाद्वार पर मस्‍से फूल जाते हैं, मलद्वार की नसें फूल जाने से वहॉं की त्‍वचा कठोर (सख्‍त) सी हो जाती है और अंगूर की भांति एक दूसरे से जुड़े हुए मस्‍सों के गुच्‍छे से उभर आते हैं। इनमें रक्‍त बहता है तब खूनी बवासीर कहलाती है। […]

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कब्‍ज का आयुर्वेदिक उपचार Constipation Treatment at Home in Hindi

रोग परिचय:- कब्‍ज का सीधा-सादा सा अर्थ है- मल हो जाना, मल उतरने की क्रिया विकृत हो जाना, यह रोग प्राय: आँतों की गड़बड़ी के कारण हुआ करता है। कोष्‍ठबद्धता, मलबंध, मल न उतरना, आदि सभी कब्‍ज के ही पर्यायवाची है। कब्‍ज (Constipation) के लिए आयुर्वेदिक उपचार:- • छोटी (काली अथवा जंगी) हरड़ 2-3 प्रतिदिन […]

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वमन (कै) उल्टी के लिए आयुर्वेदिक उपचार Vomiting Ke Gharelu Nuskhe in Hindi

रोग परिचय:- यह स्‍वयं में कोई स्‍वतंत्र रोग नहीं है, बल्कि शरीर में पनप रहे अन्‍य रोग तथा रोगों के परिणाम-स्‍वरूप (फलस्‍वरूप) होता है। अत: इसे दूसरे रोगों का लक्षण भी कह सकते हैं। इसे वमन, कै, उल्‍टी, अल्‍लास, छर्दि आदि नामों से जाना जाता है। उल्‍टी (Vomiting) का आयुर्वेदिक उपचार:- • गेरू 25 ग्राम […]

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अतिसार, दस्त आना ( Diarrhoea Treatment in Ayurveda in Hindi )

रोग परिचय:- अतिसार प्राय: खान पान की गड़बड़ी के कारण से होता है। खाना पच नहीं पाता हैं, तब पचा-अपचा भोजन पतले दस्‍तों के रूप में आने लगता है। यह सामान्‍य और साध्‍य रोग है। यथोचित चिकित्सा एवं परहेज से शीघ्र ही ठीक हो जाता है। अतिसार, दस्त आना आयुर्वेदिक उपचार:- • पिन्‍ड खजूर 5-6 […]

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अरूचि (अग्निमांद्य रोग) Anorexia Nervosa Ayurvedic Upchar in Hindi

रोग का परिचय:- खाना खाने से पूर्व तथा खाना खाते ही विरक्ति भाव का उत्पन्‍न हो जाना ही अरूचि के नाम से जाना जाता है। यह कोई कठिन या जटिल रोग नहीं है। उचित चिकित्‍सा में रोगी को इससे शीघ्र ही छुटकारा प्राप्‍त हो जाता है। अरूचि का घरेलू उपचार:- अजीर्ण / बदहाजमी के अंतर्गत […]

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