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Surdas Ji Ke Dohe Arth Sahit in Hindi 1 to 5 With Meaning

सूरदास जी के दोहे अर्थ सहित हिंदी में – दोहा क्र. 11 से 16 तक

सूरदास जी का दोहा क्रमांक : 11) कबहुं बोलत तात खीझत जात माखन खात। अरुन लोचन भौंह टेढ़ी बार बार जंभात॥ कबहुं रुनझुन चलत घुटुरुनि धूरि धूसर गात। कबहुं झुकि कै अलक खैंच नैन जल भरि जात॥ कबहुं तोतर बोल बोलत कबहुं बोलत तात। सूर हरि की निरखि सोभा निमिष तजत न मात॥ अर्थ: यह…

Surdas Ji Ke Dohe Arth Sahit in Hindi 1 to 5 With Meaning

सूरदास जी के दोहे अर्थ सहित हिंदी में – दोहा क्र. 6 से 10 तक

सूरदास जी का दोहा क्रमांक : 6) मिटि गई अंतरबाधा खेलौ जाइ स्याम संग राधा। यह सुनि कुंवरि हरष मन कीन्हों मिटि गई अंतरबाधा॥ जननी निरखि चकित रहि ठाढ़ी दंपति रूप अगाधा॥ देखति भाव दुहुंनि को सोई जो चित करि अवराधा॥ संग खेलत दोउ झगरन लागे सोभा बढ़ी अगाधा॥ मनहुं तडि़त घन इंदु तरनि ह्वै…

Surdas Ji Ke Dohe Arth Sahit in Hindi 1 to 5 With Meaning

सूरदास जी के दोहे अर्थ सहित हिंदी में – दोहा क्र. 1 से 5 तक

सूरदास जी का दोहा क्रमांक : 1) चोरि माखन खात… चोरि माखन खात चली ब्रज घर घरनि यह बात। नंद सुत संग सखा लीन्हें चोरि माखन खात॥ कोउ कहति मेरे भवन भीतर अबहिं पैठे धाइ। कोउ कहति मोहिं देखि द्वारें उतहिं गए पराइ॥ कोउ कहति किहि भांति हरि कों देखौं अपने धाम। हेरि माखन देउं…

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