आजकल देश में डेंगू और वाइरल बुखार का प्रकोप बहुत भयानक प्रकार से फैला हुआ है। चारों ओर अलग-अलग प्रकार की अफवाहें फ़ैली हुई हैं, किसी को कुछ समझ नही आ रहा की इस प्रकार के बुखार में क्या करें, क्या न करें। थोड़ा सा बुखार होते ही लोग घबरा जाते हैं। अफवाहों और डर का फायदा डाक्टरों द्वारा भी बुरी तरह उठाया जा रहा है। लोगों से जबरदस्ती महगे-महगें टेस्ट करवाकर रूपयो की लूट की जा रही है। आप प्लेटलेट्स के टेस्ट पर बिलकुल विश्वास ना करें। सामान्यतः हर बुखार में प्लेटलेट्स गिरती ही हैं। यह ज्यादा चिंता का विषय नहीं है। आपको हम कुछ जानकारी दें रहे है जिसका फायदा उठा कर आप डेंगू व वाइरल बुखार में राहत प्राप्त कर सकते हैं।
देश के बड़े-बड़े चिकित्सकों की सलाह अनुसार निम्नलिखित बातें हर व्यक्ति को जानना चाहिए।
1 :- किसी भी प्रकार का बुखार होने पर लगातार पानी पीते रहे !!
आप ध्यान रखें की आपको अगर किसी भी प्रकार का बुखार है तो पानी लगातार पीते रहे, पानी की कमी शरीर में न होने दें, अगर सादा पानी ना पीया जाए, तो नारियल पानी, शिकंजी, शरबत आदि पीते रहे। और सबसे अधिक प्रयास बुखार उतारने का करें। और पानी की पट्टियां बदलते रहें।
2:- अगर डेंगू का टेस्ट पोसिटिव भी आया है तो घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
अगर रोगी लगातार पानी पी रहा है और 2 से 3 घंटे में पेशाब कर रहा है तो जरा भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। बिना दवा के भी डेंगू और अन्य वाइरल बुखार एक से डेढ़ हफ्ते में ठीक हो जाता है अगर रोगी लगातार पानी पीता रहे।
3:- डेंगू में आम तौर पर खतरनाक स्थिति तब नहीं बनती जब तक रोगी को बुखार रहता है।
आपको बता दें की असली ख़तरा बुखार उतरने के बाद बढ़ता है, जब रोगी लापरवाहीपूर्वक शारीरिक श्रम करने लगता है। ऐसी स्थिति में सावधानी रखें, रोगी को पूर्ण विश्राम करने दें, पानी लगातार पिलाते रहें। और अगर बुखार के बाद रोगी उठने में असमर्थ है, जोड़ों में तेज दर्द हो रहा है तो बिना किसी देरी के चिकित्सक से सलाह लें।
4:- अगर उच्च और निम्न रक्तचाप में 40 से अधिक का अंतर आये,
अगर रोगी के उच्च रक्तचाप व निम्न रक्तचाप में 40 से ज्यादा का अंतर आता है और रोगी के पेट में लगातार दर्द बना रहे, शरीर पर लाल चकत्ते बन रहे हो तब चिकित्सक से अवश्य परामर्श करें।
5:- गिलोय (Tinospora Cordifolia (Heart-leaved moonseed) की बेल
गिलोय की बेल का लगभग 8 इंच का टुकडा, एक गिलास पानी में उबाले, आधा रहने पर रोगी को पिलायें, अगर पीने में असुविधा हो रही हो तो उसे शरबत में मिला कर पिला दें, लाभ अवश्य होगा।
6:- डेंगू की कोई वेक्सीन नहीं बनी है।
डेंगू बुखार की अभी तक कोई वेक्सीन नहीं बनी है, इसलिए किसी डॉक्टर के पास धन और समय को बर्बाद ना करें। अगर बुखार उतारने के लिए कोई अंगरेजी दवा लेनी ही हो तो केवल “पेरासीटामोल” ही लें अन्य कोई भी दवा किसी भी हालत में ना लें।
*** सबसे महत्वपूर्ण बात ***
अभी डेंगू फैलने का सबसे अधिक अनुकूल समय होता है, सितम्बर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के अंत तक।
अतः कृपया इस विषय में समाज में जागरूकता अवश्य फैलाए।
मित्रों यदि किसी को डेगूँ या साधारण बुखार के कारण प्लेटलेट्स कम हो गयी है तो एक होम्योपैथीक दवा है।
EUPATORIUM PERFOIAM 200
Liquid Dilution Homeopathic Medicine.
इसकी 3 या 4 बूँदें प्रत्येक 2-2 घँटें में साधारण पानी में ड़ाल कर मात्र 2 दिन पिलायें। प्लेटलेट्स कम नहीं होगीं।
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नोट:- उक्त जानकारी के संबंध में विभिन्न डॉक्टरों से सलाह ली गई है, पर अगर किसी रोगी की स्थिति अत्यंत खराब है तो उसे तुरंत किसी अच्छी अस्पताल या डॉक्टर को दिखायें। हर व्यक्ति की रोगो से लड़ने की क्षमता अलग-अलग होती है। उक्त जानकारी सिफ प्राथमिक उपचार व देखभाल के लिए है। उक्त जानकारी से अगर किसी को कोई भी नुकसान या हानी होती है तो gyanjagat.com किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं है।
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