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फल सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन केमिकल से पके फलों को खाने से सेहत बिगड़ सकती है। केमिकल से पके फल देखने में तो सामान्य दिखते है लेकिन इनके भीतर और ऊपरी सतह पर जमा केमिकल या कर्बाइड की परत शरीर की पाचन क्रिया बिगड़ती है। लंबे समय तक कोई व्यक्ति इस तरह के फलों को खाता है तो उसे पेट और एलर्जी संबंधी समस्या रह सकती है। बाजर में बिकने वाले सभी तरह के फलों को देख-परखकर ही खरीदें और अच्छे से साफ करने के बाद ही खाएं तो कई तरह की गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
जानते हैं कि कुछ फलों के बारे में जिन्हें खाने से पहले सावधानी बरतनी जरूरी है।
ऐसे नुकसान पहुंचाते है केमिकल से पके हुए फल
केमिकल से पके फलों को बिना साफ किए खाने पर गले में खराश, पेट या आंतो में जलन के साथ बार-बार अचानक से उल्टी-दस्त की शिकायत होती है। कुछ लोगों में स्किन इंफेक्शन के साथ कमजोरी महसूस होने के साथ अलस की शिकायत रहती है। दिमाग पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। गंभीर मामलों में याद्दाश्त कम होने के साथ भूलने की समस्या होने लगती है। बच्चों में उनके विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जबकि बीमारी से ग्रसित मरीज को ये फल खिलाने से उसकी दवा का सअर कम हो जाता है। इसे कार्बाइड केमिकल फूड पॉइजनिंग भी कहते है।
टैगपोन-39 केमिकल जानलेवा है
फलों के साथ सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए टैगपोन-39 केमिकल का प्रयोग होता है। सबसे अधिक इस्तेमाल खीरा, टमाटर, आम और कॉफी के पौधों में होता है जिससे पौधे का विकास जल्दी शुरू होता है। फल-सब्जी जल्दी आने लगते है। कच्चे फलों और सब्जियों को टैगपेन-39 केमिकल से भरे बड़े टबों में डूबोकर छोड़ देते हैं। इस प्रक्रिया के 24 घंटे के भीतर फल पक जाता है। इससे तैयार फल या सब्जी को खाने से आंत, पेट त्वचा संबंधी, किडनी और लिवर के साथ कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा रहता है।
सेब
डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर स्वस्थ रहता है तो रोजाना सुबह एक सेब खाना चाहिए। ये सही है लेकिन जो सेब बाजार में आ रहे हैं उन्हे केमिकल से पकाने के साथ उनको चमकदार बनाने के लिए केमिकल्स और मोम का इस्तेमाल हो रहा है। इसलिए सेब को खाने से पहले उनको हल्के गुनगुने पानी में डूबो कर साफ कर लें। ऐसा करने से सेब की ऊपरी परत खत्म हो जाएगी। ऐसा नहीं करने पर सेब के साथ केमिकल और मोम पेट में पहुंचकर आंतो को नुकसान पहुंचाती है। सेब को छीलकर खाएं तो इन समस्याओं से बच सकते हैं।
आम
फलों का राजा कहे जाने वाला आम की बहार बाजार में जल्द आने वाली है। आम में कैल्शियम, आयरन, फाइबर सहित कई तरह के पोषक तत्व होते है जो शरीर को स्वस्थ बनाने के साथ स्किन की ग्लो को बढ़ाते है। कार्बाइड और सोडावाटर गैस से इसे जल्दी पकाया जाता है। इस विधि से पके आम को खाने से पेट में छाले के साथ शरीर के दूसरे अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बचाव के लिए आम को अच्छे से धोने के बाद ही खाएं। केमिकल से पके आम ज्यादा खाने से सेहत को नुकसान होता है। पेड़ पर, भूसा या पैरा में पका आम खाने से सेहत को नुकसान नहीं होता है।
केला
वर्कआउट के तुरंत बाद केला खाया जाए तो शरीर को भरपूर मात्रा में ऊर्जा मिलती है। केले में मौजूद अमीनो एसिड शरीर में तनाव बढ़ाने वाले हॉमोन की मात्रा को कम करता है। केले में विटामिन, फाइबर, प्रोटीन औश्र प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम की मात्रा होती है। केला खाने से पहले उसे अच्छे से साफ कर लें। केला आधा कच्चा या उसकी भीतरी परत बहुत अधिक ठोस है या उस में कसावट जैसा स्वाद आ रहा है तो खाने से परहेज करें। यह सेहत के लिए ठीक नहीं होता है।
चीकू
चीकू खाने का शौक रखते है तो जरा संभल जाएं। जिस चीकू को आप बड़े चांव से खा रहे है अगर वो केमिकल से पका है तो आपको नुकसान पहुंचा सकता है। चीकू खाने से पहले उसे अच्छे से थे लें। फिर उसको छील लें ताकि छिलके पर लगा केमिकल साफ हो जाए और पेट में न जाए। इसी तरह कच्चे अंगूर को जल्दी पकाने के लिए कार्बाइड का इस्तेमाल होता है। अंगूर को अच्छे से साफ करने के साथ थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएं। एक साथ बहुत अधिक मात्रा में चीकू या अंगूर खाने से हाजामा बिगड़ सकता है।
केमिकल से पके फलों में नहीं होता कोई स्वाद
जो फल केमिकल से पकाए जाते है उनके स्वाद में फर्क आ जाता है। ऐसे में कोई फल खा रहे है और उसके स्वाद को लेकर किसी तरह की आशंका हो तो उसे न खाएं। कई बार फल खाने पर उसका स्वाद मीठा लगने की बजाए खट्टा या कसैला भी लगता है। इसका मतलब है कि फल में कोई खराबी है या केमिकल ने उसकी मिठास को कम कर दिया है। इन बातों को लेकर सावधानी जरूरी है।
डॉ. अजीत सिंह, सीनियर फिजिशियन
डॉ. काशीनाथ समगंडी, आयुर्वेद विशेषज्ञ
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