आँवला के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ Health Benefits of Amla in Hindi

Health Benefits of Amla in Hindi
Health Benefits of Amla in Hindi

आँवला आयुर्वेदिक चिकित्‍सा क्षेत्र में मानव हितकारी फल है। यह दो प्रकार का होता है- 1. वन्‍य आँवला, 2. ग्रामय आँवला। वन्‍य आँवला जो घर, आंगन में उत्‍पन्‍न होता है- वे फल बड़े-बड़े मृदु और मांसल होते हैं। आँवले के पत्ते, जड़, छाल और फल सभी प्रयोग में आते हैं। इनमें टैनिक एसिड, गैलिक एसिड, शर्करा, सैल्‍युलौज खनिज मुख्‍यत: कैल्शियम होते हैं। इसमें सर्वाधिक मात्रा में विटामिन ‘सी’ पाई जाती है और इस फल की यह विशेषता है कि इसके सूखने पर भी विटामिन सी कम नहीं होती है। आयुर्वेद मतानुसार आँवले में लवण रस को छोड़कर शेष पांचों रस (मधुर, अम्‍ल, कटु, तिक्‍त और कषाय रस) विद्यमान रहते हैं। इसमें अम्‍लरस विशेष रूप से पाया जाता है। यह गुण में लघु रूक्ष, मधुर, विपाक और वीर्य शीत होता है। आँवले के फल वजन में 2 से 6 तोला तक होती है।

आँवला नाड़ी बल्‍य, दीपन, अनुलोमक, यकृतोत्तेजक, हत, गर्भ स्‍थापक, कुष्‍ठघ्‍न, दाह प्रशमक, मूत्रल, वात पित्त कफ तीनों दोषों से उत्पन्‍न विकार नाशक है। मुख्‍यत: पित्तज विकारों (मस्तिष्‍क- दौर्बल्‍य, दृष्टिमान्‍द्य, इन्द्रियों की दुर्बलता, अरूचि, अग्निमाद्य, विबन्‍ध, यकृत विकार, अम्‍लपित्त, परिणामशूल, अर्श, उदावर्त्त आदि उदर रोग तथा हृद रोग, रक्‍त पित्त, रक्‍त विकार, श्‍वास-कास, यक्ष्‍मा, दाह, दौबर्ल्‍य, क्षय, शोष, आदि में लाभकारी और उपयोगी है।

• आँवला से निर्मित च्‍यवनप्राश को सेवन करने वाले व्‍यक्ति की मेधा, स्‍मरण शक्ति, शरीर की कान्ति, आरोग्‍य, आयु वृद्धि, इन्द्रियों में बल, मैथुन करने की शक्ति, जठराग्नि की वृद्धि होती है। शरीर वर्ण की स्‍वच्‍छता और वायु का अनुलोमन होता है।

• ताजे आँवले को पीसकर उसकी लुगदी से नाभि के आस-पास गोल क्‍यारी बनाकर उसमें अदरक स्‍वरस भरकर 3-4 घंटे उसी प्रकार रहने दें नित्‍य प्रति इस प्रयोग के करने से श्‍वेत प्रदर अवश्‍य मिट जाता है।

नोट- रोगिणी लाल व हरी मिर्च कदापि न खाये। मात्र काली मिर्च ही खाये।

• आँवले के रस में शक्‍कर मिलाकर पीने से योनिदाह, सुजाक की जलन, पित्ती, रक्त प्रमेह, रक्तातिसार, कामला रोग ठीक हो जाता है।

नोट- इसकी मात्रा 5 से 10 तोला तक (सुबह-शाम) है। बच्‍चों को 1 तोला से 2 तोला तक मधु मिलाकर सेवन कराया जा सकता है।

• आँवला स्‍वरस, पका हुआ केला, मधु और मिश्री समभाग मिलाकर सुबह-शाम कुछ दिनों तक निरन्‍तर सेवन से महिलाओं का सोम रोग नष्‍ट हो जाता है।

• आँवले की गुठली की गिरी पानी के साथ पीस छानकर (इसी जल में) मधु और मिश्री मिलाकर सेवन करने से स्त्रियों का श्‍वेत प्रदर शर्तिया दूर हो जाता है।

• हरे आँवले को मंदाग्नि में भूनकर सेवन करने से भोजन का परिपाक होता है और मस्तिष्‍क को स्‍फूर्ति प्रापत होती है।

• मूत्रावरोध तथा मूत्रकृच्‍छ में आँवले का लेप बस्तिप्रदेश पर करें।

• आँवले की गुठली की गिरी कूटकर गरम जल मे उबालें। छानकर इस जल से नेत्रों को धोने से दुखती आंखे शर्तिया ठीक हो जाती हैं।

• आँवले के पत्तों के काढ़े से कुल्‍ला करने से मुख के छाले और घाव ठीक हो जाते हैं।

• भोजनोपरान्‍त जिन्‍हें एकदम शौच (पाखाना) जाने की शिकायत रहती हो वे 2 से 6 माशा तक सूखे आंवलों का महीन चूर्ण बराबर खान्‍ड मिलाकर ताजे जल से भोजन के बाद सेवन करें।

स्रोत:-
डॉ. ओमप्रकाश सक्सैना ‘निडर’
(M.A., G.A.M.S.) युवा वैद्य आयुवैंदाचार्य जी की पुस्‍तक से

इन्‍हें भी पढ़ें:-

केला खाने के स्वास्थ्य लाभ एवं फायदे Banana Health Benefits in Hindi

जानें: स्वास्थ्य रक्षा के नियम! Health Care Rules in Hindi


amla ke fayde in hindi, Health Benefits of Amla in Hindi, amla health benefits ayurveda



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!