Currently browsing:- Dohe / Couplets


21 to 30 Kabir Das Ke Dohe Arth Sahit in Hindi With Image

कबीर दास के दोहे अर्थ सहित हिंदी में 21 से 30 तक।

21) हाड़ जलै ज्यूं लाकड़ी, केस जलै ज्यूं घास। सब तन जलता देखि करि, भया कबीर उदास।। अर्थ: यह नश्वर मानव देह अंत समय में लकड़ी की तरह जलती है और केश घास की…

error: Content is protected !!