कबीर दास के दोहे अर्थ सहित हिंदी में 41 से 50 तक। 41) बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर । पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर ॥ अर्थ: खजूर का पेड़ न तो राही को छाया देता है, और न ही उसका…
कबीर दास के दोहे अर्थ सहित हिंदी में 31 से 40 तक। 31) दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय। जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होय ॥ अर्थ: कबीर दास जी कहते हैं कि दुःख के समय सभी भगवान् को…
कबीर दास के दोहे अर्थ सहित हिंदी में 21 से 30 तक। 21) हाड़ जलै ज्यूं लाकड़ी, केस जलै ज्यूं घास। सब तन जलता देखि करि, भया कबीर उदास।। अर्थ: यह नश्वर मानव देह अंत समय में लकड़ी की तरह जलती है और केश घास की…
कबीर दास के दोहे अर्थ सहित हिंदी में 11 से 20 तक। 11) अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप। अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप।। अर्थ: न तो अधिक बोलना अच्छा है, न ही जरूरत से ज्यादा चुप…
कबीर दास के दोहे अर्थ सहित हिंदी में 1 से 10 तक। 1) बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।। अर्थ : जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला।…