स्‍लीप योग- नींद पूरी लें, शरीर करता है अंदरूनी तंत्र की सफाई

प्रकृति के चक्र की तरह ही नींद का भी चक्र होता है। शरीर तय समय पर आराम चाहता है। नींद पूरी नहीं होने से थकान, चेहरे पर झुरियां, आंखों के नीचे काला घेरा, शरीर में दर्द, अपच, कब्‍ज, तनाव व वजन बढ़ने जैसी समस्‍याएं होती हैं। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घटती है।

जब हम सोते हैं तो शरीर के अंदरूनी अंग विषाक्‍त पदार्थों को साफ करने का काम करते हैं। यही वजह है कि जब सुबह हम उठते हैं तो हल्‍का महसूस करते हैं। नींद सिर्फ अंदरूनी अंगों ही नहीं त्‍वचा को भी तरोताजा रखती है।

उम्र के अनुसार नींद:-

नवजात (0-3 माह)
14 से 17 घंटे
घ्‍यान दें: 19 घंटे से ज्‍यादा न सोने दें।

शिशु (4-11 माह)
12 से 15 घंटे
जरूरी बात: 10 घंटे से कम व 18 घंटे से अधिक न सोने दें।

बच्‍चा (1-2)
11 से 14 घंटे
जरूर जानें: 9 घंटे से कम, 16 घंटे से अधिक नुकसानदेय।

स्‍कूल पूर्व की उम्र (3-5 साल)
10 से 13 घंटे
आवश्‍यक: 8 घंटे से कम और 14 घंटे से ज्‍यादा नींद नहीं।

स्‍कूली बच्‍चे (6-13 साल)
9 से 11 घंटे
महत्‍तवपूर्ण: 7 घंटे से कम और 11 घंटे से अधिक नींद ठीक नहीं।

किशोरावस्‍था (14-17)
8 से 10 घंटे
सावधानी: 7 से कम और 11 घंटे से ज्‍यादा की नींद ठीक नहीं।

युवा (18-25 साल )
7 से 9 घंटे
याद रखें: 6 घंटे से कम और 11 घंटे से अधिक नुकसानदेय।

व्‍यस्‍क-बुजुर्ग (26-64)
7 से 9 घंटे
नींद कम हो या ज्‍यादा, शरीर के जैविक चक्र पर असर डालती है।
(स्‍त्रोत: नेशनल स्‍लीप फाउंडेशन)

ये दिक्‍कतें हो सकती है

व्‍यवहार:- कम नींद से आलस्‍य, थकान, अरुचि जैसी समस्‍याएं होती हैं। लोगों के स्‍वभाव में बदलाव, चिड़चिड़ापन, गुस्‍सा, तनाव औश्र डिप्रेशन हो सकता है।

याददाश्‍त:- जितनी देर सोते हैं उतनी देर में दिमाग नई ऊर्जा के साथ तरोताजा हो जाता है। नींद पूरी न होने से याददाश्‍त से जुड़ी परेशानियां होती है।

खाने की तीव्र इच्‍छा:- अधूरी नींद से लोगों में मीठी चीजें और जंकफूड खाने की क्रेविंग (तीव्र इच्‍छा) होती है। मधुमेह का खतरा बढ़ता है।

हृदय संबंधी:- नींद पूरी नहीं होने से शरीर में विषाक्‍त पदार्थों की सफाई नहीं हो पाती है। इससे उच्‍च रक्‍तचाप और हार्ट स्‍ट्रोक का खतरा बढ़ता है।

हड्डी-जोड़ संबंधी:- नींद की कमी से हडि्डयों में मौजूद मिनरल्‍स का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे जोड़ों में दर्द हो सकता है।

ये गलतियां न करें:-

1. देर रात पार्टी व खाने की आदत।
2. सोने से पूर्व मोबाइल-टीवी देखना।
3. चाय-कॉफी, धूम्रपान, अल्‍कोहल।
4. सोने से पूर्व स्‍नैक्‍स-मीठा न खाएं।
5. दिन की बातों पर तनाव नहीं लें।

… तो आएगी सुकून की नीद

1. सोने से 2 घंटे पहले करें भोजन, पाचन रहेगा दुरुस्‍त।
2. तय समय पर सोएं, ब्‍लू लाइट बंद करें। किताबें पढ़ें।
3. सोने से पहले 30 मिनट पैदल टहलें, गुनगुना दूध पीएं।
4. पैरो को गुनगुने पानी से धोएं, तलवों की मसाज करें।
5. नियमित योग-प्राणायाम या कोई व्‍यायाम जरूर करें।


डॉ. नरेंद्र खिप्‍पल
सीनियर चेस्‍ट फिजिशियन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर


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