एक दिन बादशाह अकबर अपने कक्ष में अकेले बैठे थे। तभी उनके दिमाग में ख्याल आया। सेवक से कहकर बीरबल को बुलाया बीरबल का हुक्म होते ही वहां पर हाजिर हो गए। अकबर अक्सर अजीब सवाल पूछते थे और अजीब उतर जानने की इच्छा रखते थे लेकिन अबकी बार जो अकबर सुनना चाहता थे, बहुत ही अजीब था।
अकबर ने कहा- बीरबल… बादशाह होने के नाते में हमेशा समझदार लोगो से ही मिलता हूँ. हमेशा मैं समझदार और बुद्धिमान लोगो से गिरा रहता हूँ। और मैंने बेवकूफ देखा ही नहीं…एक भी नहीं. लेकिन अभी मैं बेवकूफों के बारे में जानने के लिए काफी उत्साहित हूँ. मैं जानना चाहता हूँ की सबसे बड़ा मुर्ख कौन हैं? इसलिए मैं तुम्हें जिम्मेदारी सौपता हूँ तुम हमारी सल्तनत के पांच सबसे बड़े मूर्ख ढुंढकर लाओ…जैसा आप कहे जहापनाह. मैं ऐसा ही करूँगा. बादशाह ने पांच मूर्खो को ढूंढने के लिए एक महिना का समय दिया. इस पर बीरबल ने कहा –ये तो बहुत ज्यादा समय हो गया जहापनाह. मैं आपके लिए यह काम बहुत जल्दी खत्म कर दूंगा जहापनाह. इतना कहकर बीरबल निकल गये। जब बीरबल गॉंव की सैर कर रहे थे तो उनको अजीब अजीब लोग देखने को मिले. बीरबल एक घोड़े से जा रहे थे। उनको एक आदमी दिखाई दिया जो अपने सर पर एक भारी लकडियो का गट्टर लिए एक घोड़े के साथ जा रहा था बीरबल ने उनसे पूछा भाई तुम इतना भारी गट्टर अपने सर पर क्यों लेकर जा रहा हैं. और इस घोड़े को खाली क्यों ढो रहे हो. हुजूर मेरा घोडा बहुत बुढा हो गया हैं अगर इस पर लकडियों का गट्टर रख दिया, तों गिर जाएगा, और फिर किसी काम का नहीं रहेगा. बीरबल ने कहा वाह भाई… पहला बेवकूफ तो मिल गया। चलो मैं तुम्हें बादशाह अकबर से मिलाता हूँ. और तुमको मजबूत घोडा भी दूंगा..पहला बेवकूफ तो मिल बादशाह अकबर से मिलता हूँ. और तुमको मजबूत घोड़ा भी दूंगा…फिर तुम्हें कभी अपने सर पर वजन नहीं उठाना पडेगा। आप तो बहुत दयावान हैं हुजूर…मैं आपका शुक्रिया अदा कैसे करू…मेरे पास शब्द नहीं हैं…
दोनों आगे बढ़े. कुछ दूरी पर उनको एक आदमी जमींन पर लेटे हुए और हाथ आकाश की ओर फैलाये हुए मिला..बीरबल ने कहा इसे क्या हुआ ये ऐसे क्यू लेटा है. उस बूढे घोड़े वाले ने कहा मुझे लगता हैं इसको कहीं चोट लगी हैं. चलो चलकर देखते हैं क्या पता मैं उसकी कुछ मदद कर पाऊ. बीरबल उसके पास गये, और पूछा踋? क्या तुम ठीक हो भाई! क्या तुम्हें मदद की जरुरत है? चलो मैं तुम्हें खड़ा होने मैं मदद करता हूँ।
नहीं!नहीं! कृप्या मेरे हाथों को छूना मत.. क्यों भाई! तेरे हाथों में ज्यादा दर्द हो रहा हैं? नहीं नहीं! असल में मेरी बीबी ने मुझसे इतना बड़ा घड़ा लेन के लिए कहा. अगर मैंने अपना हाथ हिलाया तो मैं घड़े का अकार भूल जाऊगां . और मेरी बीवी बहुत गुस्सा होगी। और अगर मैं गलत अकार का धड़ा ले गया तो पूरी जिंदगी इसके लिए परेशान करेगी.. बीरबल ने जोर से आह भरी! कितना बड़ा मूर्ख हैं बीरबल ने इसे भी साथ लेने का फैसला कर लिया।
बीरबल ने उसे कहा- अगर मैं तुमको हर आकर का घड़ा दू तो क्या मेरे साथ चलोगे. वो आदमी भी मान गया। और बीरबल का शुक्रिया किया वो तीनो निकल पड़े।
बीरबल जैसे ही घोडे पर चडने वाला था कि एक आदमी आया और बीरबल से टकरा गया। आदमी इतना भागकर आया की बीरबल को गुस्सा आ गया और उस पर चिल्लाने लगे, तुम अंधे हो या तुम्हारा दिमाग खराब हो गया।
मुझे माफ़ कर दिजिए हुजूर मैंने अभी अभी मज्जिद में शाम-की-हजाम पढ़ी हैं मैं देख रहा था मुझे माफ़ कर दीजिये हुजुर मैंने अभी अभी मस्जिद में शाम-की-हजाम पढ़ी हैं मैं देख रहा था कि मेरी आवाज कहा तक पहुँचती हैं इसके लिए मैं आवाज के पीछे भाग रहा था इतने आप बीच में आ गये. वो मौलवी बोलता रहा और बीरबल उसकी मुर्खता देखता रहा और आहे भरता रहा… वाह बादशाह क्या सल्लनत हैं आपकी चलो इस आवाज़ को भूला जाओ। तुम मेरे साथ चलों..इस आवाज को भूल जाओ। तुम मेरे साथ चलो मैं तुम्हें बहुत सारा सोना दूंगा। बीरबल उन सभी को अपने साथ अपने घर ले गया और उन सभी को वहा रुकने को कहा।
बीरबल को अभी और बेवकूफ ढूंढने थे जैसे ही बीरबल थोड़ी दूरी पर निकला दो लोगो को लडते हुए देखा। बीरबल ये देखने गया कि उनको क्या परेशानी हैं अरे! भाइयों तुम दोनों लड़ क्यों रहे हों? अरे इसने मुझे धमकी दी है्…ये अपने शेरों को मेरे भैंसों पर छोड़ देगा. आपको दिखेंगे हुजूर! अगर ऊपर वाले ने हमारी एक एक इच्छा पूरी कर दी तो. मैं एक शेर मागुंगा और ये एक भैंस…
दूसरे आदमी ने कहा- क्या आपने सुना हुजूर. अब बाप ही देख लीजिये दोनों फिर से झगड़ने लग गए। किसी तरह बीरबल उन दोंनेा को अपने साथ ले गया।
पाचों को एक साथ जहापनाह के सामने पेश किया। अकबर ने कहॉं बीरबल तुमने तो बहुत जल्दी इस काम को खत्म कर लिया… तुम तो बड़े हो तेज जहापनाह ये कोई मुश्किल काम नहीं था किसी बेवकूफ को ढूढंना किसी समझदार को ढुढने से आसन काम है।
फिर बीरबल ने पूरे दरबार में उन पांचो की घटनाओ का विस्तार से वर्णन किया। क्या आपको पता हैं हुजूर! पांच सबसे बड़े मूर्ख आपके दरबार में ही बैठे हैं। वो आप और मैं है ये तुम क्या कह रहे हो बीरबल अपनी जबान को लगाम दो..ये काम अपने आप में बड़ी बेवकूफी थी जिस तरह से आने मुझे बेवकूफों को ढुढने का काम दिया. और मैं भी, जिसने इस हुक्म का पालन किया। इस बात पर सभी हंस पडे तो आपकेा भी पता चल गया होगा कि सबसे बड़ा मूर्ख कौन है? कमेंट बॉक्स में अपने विचार जरूर लिखे।
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Read Sabse Bada Murkh Koun Akbar Birbal Story in Hindi with Moral, Prernadayak Kahanaiya Hindi Main for Students and Kids Children