श्रद्धा, विश्वासः, सबूरी कितने सुन्दर तीन शब्दः में पूरी जिंदगी का राज बता दिया – साईबाबा ने…
कलयुग में यह तीन शब्दः अगर जीवन में उतर ले तो सब कुछ काफी आसान लगने लगेगा। परिवार संगठित और समाज और राष्ट्र संपन्न …
श्रद्धा:- भावार्थ रूप में – हमारी आस्था, आदर, और आंतरिक झुकाव, निस्वार्थ प्रेम। बच्चे अपने पेरेंट्स के प्रति जितनी श्रद्धा बचपन में रखते है अगर उतनी ही बड़े होने तक रखे, शिष्य अपने गुरु के लिए, पत्नी अपने पति के लिए रखे, दोस्त अपने दोस्त के प्रति, छोटे अपने बड़ो के प्रति हमेशा श्रदा रखे… तो रिश्तें बहुत खूबसूरत लगते है!
विश्वास:- तसल्ली… फेथ… यह विश्वास श्रद्धा के उपरांत ही आता है… जिसमे हमारी श्रद्धा होती है उस पर हम स्वतः ही विश्वासः करने लगते है, सच्ची श्रद्धा के साथ जो विश्वास पनपता है.. वह अत्तुल्य होते है। श्रद्धा अटल है तो विश्वास भी अटल ही होगा।
सबूरी:- धैर्य, सब्र, पेशेंस… सच्ची श्रद्वा अटल विश्वास धैर्य का रूप है..!!
सार तत्व यह है की…
१. अगर प्रभु में हमारी श्रद्धा है तो उसपे विश्वास से हम आने वाली हर अच्छी बुरी परिस्थिति में धैर्य रखेंगे और प्रभु का शुक्रिया अदा करेंगे… क्यू की हम जानते है वो हमारा कभी बुरा नहीं करेगा…
२. माता पिता के प्रति श्रद्धा भाव हमे कभी उनसे अलग नहीं होने देगी… मन में विश्वास होगा की वो हमारा कभी बुरा नहीं करेंगे जो हमे इस दुनिया में लाये, हमारा ख्याल बिना स्वार्थ के रखा.. तो हम भी उनके बुढ़ापे में धैर्य से उनकी सेवा करे…
३. दोस्ती में श्रद्धा दोस्ती को अटूट बना देती है… दोस्त के प्रति विश्वास से कोई दूसरा आदमी दोस्ती का फायदा नहीं उठा सकता… और दोस्त के किसी भी कार्य के प्रति दिल में कोई भेद नहीं आ पाता… क्यू की दोस्त जानते है की दूसरा दोस्त उसका कभी बुरा नहीं कर सकता…
४. इस तरह हर रिश्ते में चाहे पति पत्नी हो, या भाई भाई, भाई बहन हो या ननद भाभी हो… श्रद्धा, विश्वास और सबुरी हो तो खुशिया ही खुशिया…
जीवन का अचूक मंत्र – श्रद्धा, विश्वास, सबूरी…
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English Summery: Sai Baba Shraddha Vishwas aur Saburi Meaning in Hindi, Great Sayings By Sai Baba in Hindi, Faith and Patience Sai Baba Motivational Thoughts in Hindi Article By Writer Shweta Jhanwar Bhilwara