अकबर बादशाह को कहानी सुनने का बड़ा शौक था, इसलिये वह कुछ चुने हुए दर्बारियों की ऐसी पारी बांध रक्खी थी जो अपनी-अपनी पारी पर रात्रि में बादशाह के मनोरंजनार्थ नित्य नवीन-नवीन कहानियॉं सुनाया…
एक फकीर बड़ा तोते बाज था। वह तोता बाजार से खरीद कर लाता और उसे भली प्रकार शिक्षित कर अमीर उमरावों को देकर द्रव्य उपार्जन करता। एक दिन वह अपने नियम के अनुसार एक…
एक दिन बादशाह अकबर अपने कक्ष में अकेले बैठे थे। तभी उनके दिमाग में ख्याल आया। सेवक से कहकर बीरबल को बुलाया बीरबल का हुक्म होते ही वहां पर हाजिर हो गए। अकबर अक्सर…
एक दिन अकबर और उसके दरबारी दरबार में बैठे थे। तभी राजा सीलोन का दूत वहां आ पहुंचा। वो किसी विषेष काम के लिए यहां पर आया था। सलाम बादशाह… मैं राजा सीलोन के…
अकबर और बीरबल दोनों का रिश्ता राजा और मंत्री से बढ़कर था। दोनों के बीच कुछ न कुछ लतीफे चलते ही रहते। अकबर और बीरबल के बीच कभी-कभी ऐसी बातें भी होती जिनको परखने…
मुग़ल बादशाह अकबर उदारतावादी थे। इसलिए बादशाह अकबर समय-समय पर अपनी प्रजा से मिलने के लिए प्रजा मिलन दरबार लगाया करते थे। दरबार में बादशाह अकबर लोगों से मिलते उनको सुनते और जिनसे प्रसन्न…
बादशाह अकबर अपने पड़ोसी मुल्कों से अच्छी मित्रता रखते थे। एसे ही एक फारसी मित्र थे जो की बहुत ही विशाल साम्राज्य के राजा थे। बादशाह और उनका मित्र दोनों एक दुसरे को अक्सर…