Akbar Birbal Story in Hindi

दिल्‍ली नगर व्‍यापारों का केन्‍द्र था, इस लिये वहॉं बहुतेरे व्‍यापारी बसते थे। घी के दो व्‍यापरियों...
संध्‍या का समय था अकबर अपने बाग में दर‍बारियों के साथ राजकीय विषयों पर विचार कर रहा...
एक मूर्ख ब्राहृाण को पंडित कहलवाने की बड़ी प्रबल इच्‍छा थी। विचारा सतत् प्रयत्‍न करने पर भी...
दिल्‍ली शहर के एक मुहल्‍ले में दो पडोसिनें बहुत दिनों से आबाद थीं, परंतु दोनों का स्‍वभाव...
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