यूरीन में ब्‍लड कहीं ये किडनी रोग का सूचक तो नहीं है!

किडनी का मुख्‍य कार्य शरीर से व्‍यर्थ पदार्थों और रक्‍त से अतिरिक्‍त जल को बाहर निकालना होता है। देश में किडनी रोग के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हमारे देश के करीब 17 प्रतिशत लोग किडनी की किसी न किसी समस्‍या से पीडि़त है, इनमें से 6 प्रतिशत में किडनी रोग तीसरे चरण में हैं। 7 में से एक भारतीय डायबिटीज से और 5 में से एक भारतीय हाइपरटेंशन से पीडि़त हैं। 50 प्रतिशत किडनी रोग इन्‍हीं दो कारणों से होते हैं। भारत में किडनी रोग फेलियर के 40 से 50 प्रतिशत मामलों के लिए हाइपरटेंशन और उच्‍च रक्‍तचाप उत्‍तरदायी है। किडनी के कैंसर के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। किडनी के कैंसर का प्रमुख लक्षण यूरीन में रक्‍त आना हो सकता है।

यूरिन में रक्‍त आना (Blood in urine)

यूरीन में रक्‍त आने का कारण सामान्‍य भी हो सकता है और कई बार यह गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या का संकेत भी हो सकता है। यूरीन में रक्‍त आने को चिकित्‍सकीय भाषा में हेमैटुरिया (Hematuria) कहते हैं। जो रक्‍त हम अपनी आंखों से देख सकते हैं ग्रॉस हेमैटुरिया (Gross Hematuria) कहलाता है और जो यूरिनरी ब्‍लड केवल सूक्ष्‍मदर्शी द्वारा दिखाई देता है उसे माइक्रोस्‍कोपिक हेमैटुरिया (Microscopic Hematuria) कहते हैं। उसके बारे में तब पता चलता है जब डॉक्‍टर यूरीन की जांच करता है।

कारण (Causes)

यूरीन में रक्‍त आने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:-

मूत्र मार्ग का संक्रमण (यूटीआई)।
किडनी का संक्रमण।
ब्‍लैडर या किडनी में पथरी।
प्रोजेक्ट ग्रंथि का आकार बढ़ जाना।
किडनी, ब्‍लैडर या प्रोजेक्ट कैंसर।
कुछ अनुवांशिक डिसऑर्डर जैसे सिकल सेल एनीमिया।
किडनी का चोटिल हो जाना।
रक्‍त को पतला करने वाली दवा।
कैंसर के उपचार के लिए ली जाने वाली दवाइयां।
अत्‍यधिक वर्क आउट करना या नियमित रूप से कई किलोमीटर दौड़ना।

लक्षण (Symptoms)

हेमैटुरिया (Hematuria) में लाल रक्‍त कणिकाओं के कारण यूरीन का रंग गुलाबी, लाल या कोला जैसे रंग का दिखाई देता है। यूरीन में ब्‍लड क्‍लॉट निकल रहे हों तो दर्द हो सकता है। हेमैटुरिया में कोई और लक्षण नहीं दिखते। लक्षणों का पता लगाने के लिए दूरबीन से ब्‍लैडर और यूरेथ्रा की जांच की जाती है।

उपचार (Hematuria Treatment in Hindi)

यूरीन में रक्‍त आने की अनदेखी नहीं करना चाहिए। हेमैटुरिया का उपचार उसके कारणों के आधार पर किया जाता है। मूत्रमार्ग के संक्रमण (Infection) के उपचार के लिए एंटीबॉयोटिक्‍स सहित डॉक्‍टर दूसरी दवा देगा। बढ़े हुए प्रोस्‍टेट का आकार कम करने के लिए भी दवाईयां दी जाती हैं। ब्‍लैडर या किडनी की पथरी को ऑपरेशन के द्वारा निकाला जाता है। लेकिन अगर आपको यूरीन में रक्‍त आने की समस्‍या प्रोस्‍टेट, किडनी या मूत्रमार्ग के किसी भाग के कैंसर के कारण है, तो घबराएं नहीं, रोबोटिक सर्जरी ने ऑपरेशन को न केवल आसान बना दिया हैं बल्कि ऑपरेशन की सफलता दर भी काफी बढ़ा दी है। कैंसर के कारण होने वाली ब्‍लीडिंग का तुरंत अपचार कराएं।

कारगर उपचार रोबोटिक सर्जरी (Effective Treatment Robotic Surgery)

रोबोटिक सर्जरी जटिल सजरियों में काफी सहायक है जैसे प्रोस्‍टेट कैंसर (Prostate cancer) और किडनी ट्यूमर (Kidney tumor) दोनों के उपचार में यह मरीज और डॉक्‍टर दोनों के लिए काफी उपयोगी है। प्रोस्‍टेट एक पुरुष ग्रंथि होती है जो कि पेल्विस (Pelvic) में गहरे स्थित होती है इसलिए वहां पारंपरिक सर्जरी के द्वारा पहुंचना आसान नहीं है। पहले किडनी में किसी भी आकार का ट्यूमर होने पर किडनी निकाल दी जाती थी पर अब इस बात पर जोर दिया जाता है कि किडनी को सुरक्षित रखते हुए सिर्फ ट्यूमर निकाला जाए। रोबोटिक सर्जरी ने इसे संभव बना दिया है।

क्‍या है रोबोटिक असिस्‍टेंट सर्जरी (What is robotic assisted surgery in hindi)

रोबोटिक सर्जरी ने पारंपरिक सर्जरी को बेहतर बना दिया है। रोबोटिक सर्जरी सर्जन के हाथों के कंपन और गति को कम कर सर्जरी को ज्‍यादा त्रुटिहीन (Errorless) कर देती है। सर्जरी करने में कम्‍प्‍यूटर और रोबोट की मदद ली जाती है। इस सर्जरी में सर्जन रोबोट को नियंत्रित करने के लिए कम्‍प्‍यूटर का उपयोग करते हैं। रोगी के शरीर में छोटे-छोटे छेद कर दिए जाते हैं जिसके द्वारा शरीर में उपकरण डाले जाते हैं जो कि रोबोटिक आर्म्‍स से जोउ दिए जाते हैं।

सर्जन मरीज से दूर एक समतल सतह पर बैठ जाता है जिस पर मशीन के सभी नियंत्रक उपकरण (Controller) होते हैं इसे कंसोल (Console) कहते हैं। वह इस रोबोटिक आर्म्‍स की गति को मॉनिटर पर देखकर नियंत्रित करता है। इस पद्धति का लाभ यह होता है कि शरीर के आंतरिक अंगों का आकार बड़ा दिखता है इसलिए मरीज के शरीर की समस्‍याओं के बारे में ज्‍यादा स्‍पष्टता (More clarity) से पता चलता है।

सर्जरी से फायदा (Robotic Surgery Benefits in Hindi)

यह सर्जरी रोगियों और डॉक्‍टरों दोनों के लिए फायदेमंद है। सामान्‍य सर्जरी के मुकाबले इससे बेहतर परिणाम मिलते हैं। रोबोटिक आर्म्‍स की गति ज्‍यादा विशुद्ध (Authentic) और बहुआयामी (Multidimensional) होती है, इसलिए सर्जरी आसान और त्रुटिहीन (Errorless) होती है।

शरीर को कम दर्द सहना पड़ता है
मरीज को ज्‍यादा एनि‍सथिसिया देने की जरूरत नहीं होती है।
खून कम निकलता है इसलिए खून चढ़ाने की जरूरत कम होती है।
संक्रमण (Infection) का खतरा कम हो जाता है।
पारंपरिक सर्जरी के मुकाबले इसमें सर्जरी के बाद शरीर पर कट के निशान कम नजर आते हैं।

डॉ. विपिन त्‍यागी
कंसलटेंट यूरोलॉजिस्‍ट, रोबोटिक सर्जन, सर गंगाराम अस्‍पताल, नई दिल्‍ली


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