उपहार का शाब्दिक अर्थ – उप + हार
(जब किसी का आदर करते है या आभार व्यक्त करते है, तो उसे हार पहनाते है। हार पहनाने से कही ऊपर, आभार हम उपहार देके व्यक्त करते है)
हर रिश्ते में उपहार का बहुत महत्व होता है, एक दूसरे के लिए प्यार और आदर हम उपहार देके व्यक्त करते है।
राखी पर बहन-भाई की भेंट का इंतजार करती है, करवाचौथ पर पत्नी पति से उपहार की उम्मीद रखती है, दिवाली पर परिवार के सब बच्चे गिफ्ट लेके खुश हो जाते है, और बुजुर्ग उपहार देके आशीर्वाद व्यक्त करते है। शादियों में हमारे रिश्तेदार दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद के साथ गिफ्ट देते है, वही पड़ोसी और करीबी मित्र बर्थडे और शादी की सालगिरह पर अपना प्रेम और धन्यवादः व्यक्त करने के लिए एक दूसरे को कुछ न कुछ देते-लेते रहते है।
कितनी ख़ुशी होती है जब कोई अपना हमें हमारी प्रिय वस्तु एक गिफ्ट के रूप में देता है, मानो सब मिल गया हो। इस ख़ुशी की कीमत रुपये या पैसे से नहीं आंकी जा सकती, यह उपहार देने वाले की भावनायें व्यक्त करती है कि हम उसके लिए कितना महत्त्व रखते हैं। वह हमारे लिए इतना सोच कर, टाइम निकाल कर, अपने पसंद की चीज़ लाके देतें हैं यह बात हमें कितना Proud Feel करवाती है।
हमें रिश्तों में उपहार लेते-देते रहना चाहिए, लेने-देने कि सोच के साथ नहीं। बल्कि इस सोच के साथ कि – उपहार देने के बहाने हम अपने उस रिश्ते को कुछ समय के लिए अपना वक़्त देते हैं, उस व्यक्ति कि पसंद-नापसंद को समझते हैं, उसकी भावनाओं और अपने साथ उसके होने का आभार व्यक्त करना चाहते हैं। यह भावना से लिया उपहार जिस भी रिश्तें को दिया जाता है वह रिश्ता और अटूट होता जाता है।
हम सबको एक दूसरे का आदर करना चाहिए और एक दूसरे के दिये हुए गिफ्ट्स का भी आदर पूरे दिल से करना चाहिए। न कि रुपये के आधार से उनका मूल्याकन करना चाहिए।
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English Summery: Know The Importance of Gifts in Life in Hindi, Zindagi Main Uphaar Ka Mahatva in Hindi by Shweta Jhanwar