जानें कोरोना वायरस से किन बीमारियों में सबसे ज्‍यादा खतरा है।

अमरीकी रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र (सीडीसी) ने कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए नियमित योग, ध्‍यान और व्‍यायाम करें।

100 फैरनहाइट से कम शरीर का तापमान है तो परेशान न हो, ऐसा सीजनल फ्लू में होता है। लेकिन इसका भी तत्‍काल इलाज लें।

30-40 मिनट रोजाना व्‍यायाम, योग, ध्‍यान घर के अंदर ही करें। व्‍यायाम न करने से वजन और बीमारी दोनों बढ़ सकते है।

अध्‍ययन में इसकी पुष्टि:- हाल ही द लांसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्‍ययन में पाया गया है कि जो लोग उम्र दराज या हाई ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज व सांस से जुड़े रोगों से ग्रस्‍त हैं उनको कोरोना वायरस से खतरा काफी ज्‍यादा है। यह अध्‍ययन चीन में वुहान के दो अस्‍पतालों के 191 मरीजों पर किया गया। अध्‍ययन में 58 मरीजों को हाइपरटेंशन, 36 को डायबिटीज और 15 को हृदय से संबंधित बीमारियां थी। अध्‍ययन में शामिल 191 मरीजों की उम्र 18 से 87 साल तक थी।

गंमीर हो सकता है कोरोना:- नियमित ब्‍लड शुगर की जांच करें। यदि अचानक लगातार खांसी व तेज बुखार आए तो तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करें। डायबिटीज व हाई ब्‍लड प्रेशर के मरीज हैं और विदेश यात्रा से लौटे हैं तो अपनी जांच जरूर कराएं। हाथों की साफ-सफाई, मास्‍क का प्रयोग करें और साफ-सफाई का ध्‍यान दें।

ये लक्षण सबसे पहले:- विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसान कोरोना वायरस के लक्षणों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें 88 फीसदी को बुखार, 68 फीसदी को खांसी, 38 फीसदी को थकान, 18 फीसदी को सांस लेने में तकलीफ, 14 फीसदी को शरीर और सिर में दर्द, 11 फीसदी को ठंड लगना व चार फीसदी में डायरिया के लक्षण दिखते हैं हालांकि नाक बहना कोराना वायरस का लक्षण नहीं माना गया है।

तेज बुखार आए तो… सूखी खांसी के साथ तेज बुखार है तो चिकित्‍सक से संपर्क करें। यदि शरीर का तापमान 100 डिग्री फैरेनहाट (37.7 डिग्री सेल्सियस) या इससे ज्‍यादा है । यदि 99.0-99.5 डिग्री फारेनहाट है तो बुखार नहीं है।

उम्रवार कोरोना वायरस से मत्‍युदर
(डब्‍ल्‍यूएचओ के जारी आंकड़ो के अनुसार)
0-9 साल तक बच्‍चों में       0 प्रतिशत
10-39                             0.2 प्रतिशत
40-49                            0.4 प्रतिशत
50-59                            1.3 प्रतिशत
60-69                            3.6 प्रतिशत
70-79                            08 प्रतिशत
80 से अधिक                   14.8 प्रतिशत

देश में इसलिए खतरा अधिक:- इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के 2019 तक के आंकड़ों के अनुसार देश में 7.7 करोड़ डायबिटीज के मरीज है। इसमें डायबिटीज टाइप एक और टाइप दो के मरीज शामिल हैं। वहीं ग्‍लोबल अस्‍थमा रिपोर्ट 2018 के मुताबिक भारत में 1.5 करोड़ लोगों को अस्‍थमा है जो कुल आबादी का एक फीसदी से अधिक है। इनमें बच्‍चे भी शामिल हैं।


कोरोना से इन बीमारियों में सबसे ज्‍यादा खतरा क्‍यों:- डायबिटीज, हाई बीपी व सांस से जुड़े रोगियों की इम्‍युनिटी कमजोर। यदि आप पहले से किसी बीमारी से ग्रसित हैं, तो ये जरूरी नहीं है कि कोरोना वायरस का संक्रमण दूसरों के मुकाबले जल्‍दी हो जाए। लेकिन संक्रमण के बाद अन्‍य मरीजों की अपेक्षा ज्‍यादा गंभीर हो सकते हैं। बुजुर्गों, पहले से ही सांस रोगी, कमजोर प्रतिरक्षण प्रणाली, मधुमेह व हृदय के मरीजों में कोरोना के कारण गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है। डायबिटीज, हाई ब्‍ल्‍ड प्रेशर व फेफड़े से जुड़े मरीजों को कोरोना वायरण से ज्‍यादा सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना वायरस का संक्रमण शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता और ग्‍लूकोज लेवल पर बुरा असर डालता है जिससे मरीज की स्थिति तेजी से बिगड़ने लगती है। इसके साथ ही गठिया, कैंसर औश्र एचआइवी के मरीजों की भी इम्‍युनिटी दवाइयों के कारण काफी कमजोर हो जाती है। कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा इन लोगों को भी सामान्‍य लोगों की तुलना में अधिक है। सावधानी जरूर बरतें।

डॉ. सुनील महावर,
फिजिशियन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर


coronavirus se kin bimariyo me sabse jyda khatra hai, Coronavirus Health Care Tips in Hindi, COVID-19 Corona Virus Tips in Hindi



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!