जानिए कोरोना वायरस की संरचना! Coronavirus Structure in Hindi

जानिए कोरोना वायरस की संरचना और कब-कब हाथ धोना जरूरी है

वायरस के अंदर दो तरह की संरचना होती है। इसमें डीएनए और आरएनए होता है। इसलिए एक को डीएनए वायरस और दूसरे को आरएनए वायरस कहते है। कोरोना आरएनए वायरस है। इसके बाहर एक कोट (लिपाप्रोटीन) होता है जिसे तोड़ने के लिए साबुन-डिटजैंट पर्याप्‍त है क्‍योंकि आरएनए वायरस ज्‍यादा डिटजैंट, एल्‍कोहल या अधिक तापमान पर निष्क्रिय हो जाता है।

सलाह को नियम बनाएं।
इसका कोई नियम नहीं है। अगर घर में है तो 3-4 घंटे में भी धो सकते हैं लेकिन बाहर से जब-जब आते हैं, हाथों को धोएं। कुछ छूने के बाद भी धोना जरूरी है।

साबुन से हाथ कब धोएं।
खाना खाने से पहले-बाद में, वॉशरूम के इस्‍तेमाल के बाद और जब भी हाथों का इस्‍तेमाल छींक या खांसी रोकने के लिए करें या फिर बाहर से घर आ रहे हैं तो भी साबुन-पानी से ही हाथों को धोएं।

सैनिटाइजर का प्रयोग कब।
जब टीपी का रिमोट, मोबाइल, लैपटॉप, डायनिंग टेबल, दरवाजे की कुंडी आदि छूने के बाद सैनिटाइजर लगा सकते हैं। घर में सैनिटाइजर नहीं है तो परेशान न हों। साबुन या डिटर्जैंट से भी हाथ धो सकते है।

डॉ. तुहिन बनर्जी,
इंफेक्‍शन कंट्रोल ऑफिसर, आइएमएस, बीएचयू, वराणसी।


कोरोना डायबिटीज के मरीज बीच बीच में ब्‍लड शुगर टेस्‍ट करते रहें।

कोराना वायरस का खतरा उन लोगों को अधिक है जिनकी इम्‍युनिटी कमजोर होती है। डायबिटीज के मरीज भी इसी श्रेणी में आते हैं। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने डायबिटीज के मरीजों को संक्रमण से बचने के लिए कुछ जरूरी एहतियात बरतने को कहा है।

ब्‍ल्‍ड टेस्‍ट कराते रहें।
डायबिटीज के मरीजों को सामान्‍य दिनों में भी ब्‍लड टेस्‍ट कराते रहना चाहिए, लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है। इसलिए समय-समय पर ब्‍लड शुगर लेवल चेक करते रहना चाहिए क्‍योंकि हाई ब्‍लड शुगर लेवल से इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर हो सकता है। ऐसे लोगों को कोरोना वायरस होने पर डायबिटीज भी अधिक गंभीर हो जाती है इलाज के समय डायबिटीज को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। रूटीन टेस्‍ट भी डॉक्‍टरी सलाह से कराएं।

दवा समय से लेते रहें।
डायबिटीज के मरीजों को दवा समय पर लेनी चाहिए। यदि सर्दी-जुकाम भी है तो इसका इलाज लें। घर में ही रहें। घर के अंदर ही व्‍यायाम करें। संक्रमण से बचने के लिए इम्‍युनिटी बढ़ाने वाली चीजें खा सकते हैं। पर्याप्‍त आराम करें। जोखिम बिल्‍कुल न उठाएं। कोई समस्‍या है तो फोन या ऑनलाइन डॉक्‍टर से संपर्क कर सकते हैं।

डॉ. संकल्‍प शास्‍त्री, फिरजिशियन, जयपुर

यह लेख पत्रिका न्‍यूजपेपर दिनांक 05 अप्रैल 2020, जबलपुर से लिया गया है।

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