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जल को जीवन यूं ही नहीं कहा जाता। अच्छे स्वस्थ्य के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण है। सुबह-सुबह खाली पेट पानी पीने के बहुत से फायदे होते है। आयुर्वेद से लेकर आधुनिक चिकित्सा पद्धतियां में खाली पेट पानी पीने को बहुत आवश्यक मानती हैं। सुबह-सुबह बिस्तर से उठते ही आपको कम से कम चार गिलास पानी यानी लगभग 1 लीटर पानी पीना चाहिये। इससे आपकी पाचन क्रिया तो दुरुस्त रहती ही है, साथ ही आप कई अन्य बीमारियों से भी बचे रहते हैं।
आदत धीरे-धीरे पड़ेगी!!
रोज सुबह-सुबह खाली पेट पानी पीने की प्रक्रिया को वॉटर थेरेपी ट्रीटमेंट कहते है। हो सकता है कि आपको शुरुआत में 1 लीटर पानी पीने में तकलीफ हो, लेकिन धीरे-धीरे आपको इसकी आदत हो जाएगी। पहले दो गिलास पानी पिए, इसके बाद दो मिनट रुके और फिर दो गिलास पानी पिएं। पानी पीने से एक घंटे पहले और पानी पीने के एक घंटे बाद तक कुछ न खाएं-पिएं, ठोस आहार तो भूल से भी न लें। जब आप इस प्रकिया की शुरूआत करेंगे तो संभव है कि आपको एक घंटे में दो से तीन बार पेशाब के लिए जाना पड़े। लेकिन, कुछ समय बाद आपका शरीर इतने पानी का आदी हो जाएगा और आपकी यह समस्या भी दूर हो जाएगी।
पानी पियें बीमारी भगायें!!
जापान की मेडिकल सोसाइटी के मुताबिक वॉटर ट्रीटमेंट की मदद से पुरानी और गंभीर बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलती है। इसके अलावा वॉटर ट्रीटमेंट से अस्थमा, बदन दर्द, सिरदर्द, हृदय की तेज गति, अर्थराइटिस, टीबी, इपलिप्सी, मैनिन्जाइटिस, ब्रोंकाइटिस, किडनी और यूरीन से जुड़ी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। पानी पीने के इस इलाज से आंखों से जुड़ी समस्याएं, उल्टी, डायरिया, गैस की समस्या, मधुमेह, बवासीर, मासिक धर्म में अनियमितता, कब्ज, कैंसर, कान, नाक और गले की जुड़ी बीमारियां और यहां तक दिल से जुड़ी बीमारियों तक को काबू में किया जा सकता है।
उपचार का तरीका!!
सुबह-सुबह उठते ही और ब्रश करने से पहले 4 गिलास पानी पिएं, ब्रश करने के 35 मिनट बाद तक ना कुछ खाएं और ना ही कुछ पिएं।
35 मिनट बाद आप कुछ भी खा पी सकते हैं, सुबह के नाश्ते, दोपहर के खाने व रात के खाने के 15 मिनट बाद और अगले दो घंटे तक ना कुछ खाएं और ना ही कुछ पिएं। बीमार और बूढ़े लोगों के लिए 4 गिलास पानी पीना मुश्किल हो जाता है, वे थोड़ी मात्रा से शुरुआत कर बाद में इसे बढ़ा सकते हैं।
कितने दिन में किसी बीमारी में आराम
टीबी . 90 दिन
कैंसर . 180 दिन
कब्ज- 10 दिन
डायबिटीज – 30 दिन
गैस -10 दिन
उच्च रक्तचाप – 30 दिन
आप को हम ये बता दे की इस चिकित्सा से कोई सा और कैसा भी साइड इफेक्ट नहीं होता है। बस ये हो सकता है कि आपको कई बार पेशाब जाना पड़ जाये। इससे ना सिर्फ आप बीमारियों से बचेंगे ब्लकि चुस्त-दुरुस्त भी रहेंगे। अच्छा होगा कि आप इसे प्रक्रिया को अपने डेली रुटीन में शामिल कर लें।
गंभीर बीमारियों के संदर्भ में इस पद्धति को सहायक चिकित्सा के रूप में लें। वॉटर ट्रीटमेंट करने के साथ साथ आप अपनी रोजाना दवाओं का सेवन अचानक बंद न करें। इस बारे में अपने चिकित्सक से जरूर बात कर के सलाह ले लें और बात करने के बाद ही दवाओं में कोई फेर बदल करें।
इस बात का ध्यान रखें कि अर्थराइटिस के मरीज पहले सप्ताह में इलाज की इस प्रक्रिया को केवल 3 दिन करना चाहिये और दूसरे सप्ताह से वे इसे रोजाना कर सकते हैं।
इन तरीकों की मदद से आप बीमारियों पर काबू पा कर स्वस्थ जीवन जी सकेंगे।
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