बाजरे का किसी भी रूप में सेवन लाभकारी है बाजरा खाइए, हड्डियों के रोग नहीं होंगे…
– बाजरे की रोटी खाने वालों को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाले रोग आस्टियोपोरोसिस और खून की कमी यानी एनीमिया नहीं होता।
– बाजरे में भरपूर कैल्शियम होता है जो कि हड्डियों के लिए रामबाण औषधि है, आयरन भी बाजरे में इतना अधिक होता है कि खून की कमी से होने वाले रोग नहीं हो सकते।
– वरिष्ठ चिकित्साधिकारी मेजर डा. बी.पी. सिंह के सेना में सिक्किम में तैनाती के दौरान जब गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम और आयरन की जगह बाजरे की रोटी और खिचड़ी दी जाती थी। इससे उनके बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक कैल्शियम और आयरन की कमी से होने वाले रोग नहीं होते थे।
– इतना ही नहीं बाजरे का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रसव में असामान्य पीड़ा के मामले भी न के बराबर पाए गए।
– गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम की गोलियां खाने की जगह रोज बाजरे की दो रोटी खानी चाहिए।
– डाक्टर तो बाजरे के गुणों से इतने प्रभावित है कि इसे अनाजों में वज्र की उपाधि देने में जुट गए हैं।
– बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा होता है, उससे अधिक उसमें गुण भी होते हैं, बाजरा खा कर लीवर संबंधित रोगों को भी कम किया जा सकता है।
– बाजरे में उपस्थित रसायन पाचन की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। डायबिटीज़ में यह रक्त में शकर की मात्रा को नियन्त्रित करने में सहायक होता है।
– गेहूं और चावल के मुकाबले बाजरे में ऊर्जा कई गुना ज्यादा होती है, यदि बाजरे का नियमित रूप से सेवन किया जाय तो यह कुपोषण, क्षरण सम्बन्धी रोग और असमय वृद्ध होने की प्रक्रियाओं को दूर करता है।
– उच्च रक्तचाप, हृदय की कमजोरी, अस्थमा से ग्रस्त लोगों, लीवर की सुरक्षा के लिए तथा दूध पिलाने वाली माताओं में दूध की कमी के लिये यह टॉनिक का कार्य करता है।
– यह माइग्रेन के लिये भी लाभदायक है, बाजरा एंग्जायटी, डिप्रेशन और नींद न आने की बीमारियों में फायदेमन्द होता है।
– इसमें लेसिथिन और मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल होते हैं जो अतिरिक्त वसा को हटा कर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करते हैं।