गुजरा हुआ वक़्त फिर लौटकर नही आयेगा,
जो यादे हे दिलो में छुपालो,
बिता हुआ वक़्त इन्हें उड़ा ले जायेगा,
हर वक़्त को जियो अपना समझ कर,
हर हँसीन ख्वाब देखो भले ही सपना समझकर,
हर समाँ फिर वक़्त की ओट में छिप जायेगा,
गुजरा हुआ वक़्त लौटकर फिर नही आयेगा,
जो बीते पल अपनों के साथ में,
चलती हुई राह अनजानी मंजिल की आस में,
मोसम खुसनुमा वो फिर कही चला जायेगा,
गुजरा हुआ वक़्त लौटकर फिर नही आयेगा,
संजोलो अपनी यादो में ये जो पल बीत रहे,
हर आंसू गम और ख़ुशी का हर एक मुस्कुराहट के बीच रहे,
ये जो हम हस हस के बाते किया करते हे,
अपने गम को हँसी के धागे में सिया करते हैे,
हुम्म आने वाला कल, क्या ये समझ पायेगा,
गुजरा हुआ वक़्त फिर लौटकर नही आयेगा,
सबको चाह हे आगे बढ़ने की, वक़्त से होड़ हे दौड़ करने की,
ये वक़्त हे सबको पीछे छोड़ जायेगा,
हाथो में था जो हाथ फिर कही छूट जायेगा,
गुजरा हुआ वक़्त फिर लौटकर नही आयेगा,
आगे बड गए हर ऐशोआराम झोली में कैद हे,
सुकून उन हसीं गुजरे वक़्त की झोली में ही छेद हे,
ऐ अनंत सीलो झोली को वक़्त के हसीन धागो से,
बडी नाजूक हे गुजरे कल की पोटली कही झोली से छूटक जायेना,
हर पल आज का कल के सकूंन से हार जायेगा,
गुजरा हुआ वक़्त फिर लौटकर नही आयेगा,
वक़्त फिर लौटकर नही आयेगा, वक़्त फिर नही आयेगा!!!
लेखक: अनन्त प्रताप सिंह जादौन।
यह भी पढ़े :- पांच तत्वों से ये काया बनी Yoga Poem in Hindi
English Summery: time will not come again, guzra hua waqt wapas nahi aata, importance of time poem in hindi, Waqt Par Kavita in Hindi, वक्त पर कविता, samay par kavita