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मैं औरत हूँ – रेणुका कपूर Women Poem in Hindi

औरत मैं औरत हूँ, जी हाँ मैं एक औरत हूँ मैं खूबसूरत हूँ, मैं शिक्षित हूँ, मैं समझदार भी हूँ, मैं माँ हूँ, मैं पत्नी हूँ हाँ मैं वफादार हूँ, जी हाँ मैं वफादार भी हूँ रसोई की हर बरनी और बच्चो के लिए किताब का ज्ञान हूँ खोये हुए रुमाल और अखबार को ढूंढने…

राम नाम का जाप तुम करके! – रेणुका कपूर

राम नाम का जाप तुम करके अपने कर्मो का हिसाब तुम करके कहीं संभाल तुम रख लेना यह जीवन का चक्र है इतना जो आया है, वो जाएगा इस आने जाने का मान तुम रखना बीज बगूल का जो बोया है फिर मीठा फल, क्यों वो देगा इस मूल बात का ध्यान तुम रखना बुरा…

Renuka Kapoor Delhi

प्रकृति अब कहती है – Poem in Hindi on Nature Renuka Kapoor

यही प्रकृति अब कहती है अब बस, सांस मुझे भी लेने दो तुमको जीवन दिया है मैंने अब मुझको भी जीने दो अब सांस मुझे भी लेने दो। मेरी काया मेरी ही छाया। में जीना तुमने है सीखा है मेरा ये रूप अनोखा कभी मौन हूँ, कभी हूँ, मैं शोर हवा का कभी तो नीला…

Maa Tumhari Bahut Yaad Aati Hai Poem in Hindi

माँ तुम्हारी बहोत याद आती है!! Mother Poem in Hindi – Renuka Kapoor

माँ न जाने क्यों मुझे अब माँ की बहोत याद आती है कुछ कहने पर, अपनी बेटी को जैसे वह मुँह बनती है, मुझे मेरी ही याद दिलाती है न जाने क्यों, मुझे माँ की बहोत याद आती है उसका वो सुबह, जल्दी उठना साथ मुझे उठाना मुँह बनता था, मेरा भी की इतनी जल्दी…

Panch Tatvo Se Ye Kaya Bani Yoga Poem in Hindi

पांच तत्वों से ये काया बनी Yoga Poem in Hindi

Yoga Poem in Hindi पांच तत्वों से ये काया बनी भूमि, आकाश, हवा, पानी और अग्नि जो जाने इसके पीछे का ज्ञान सत्य है, उसका ही जीवन है धनी। योग स्वयं को जानने का जरिया है आत्म ज्ञान का दरिया है योग वह ज्ञान है जिसमे छिपा विज्ञानं है। खुद से ये शरुआत करो फिर…

Renuka Kapoor Delhi

“वो ज़माना अच्छा था” – Renuka Kapoor

“वो ज़माना अच्छा था” गर्मी की छुट्टियां, बिजली का चले जाना गली के नहीं पुरे मोहल्ले के दोस्तों का एक आवाज़ मैं चिल्लाना अच्छा था, अब कहाँ वो दिन दोस्तों, वो ज़माना अच्छा था, वो छुप्पन छुपाई, कब्बड्डी, रस्सा, खो खो खेल देखे ज़माना हो गया बहार के खेल कम न थे !! पर घर…

Renuka Kapoor Delhi

सफलता क्या कहलाती है- Renuka Kapoor

सफलता क्या कहलाती है एक नन्ही सी, चींटी की कोशिश, हमें यह बताती हैं, दाना लेकर नन्ही सी चींटी, जब अपने पथ पर जाती है, बहोत मुश्किलें आती हैं पथ पर। पर नहीं वह घबराती है, मन में जो विश्वास है उसके, उसी से साहस, फिर वह कर पाती है यही सफलता कहलाती है। सही…

माँ क्या हैं ये तो आज तक!! Mother Poem in Hindi

माँ क्या हैं ये तो आज तक कोई भी नहीं बता पाया हैं… हज़ारों जतन करके भी इस छोटे से लब्ज़ की अहमियत कोई लब्ज़ों में नहीं बयान कर पाया हैं.. प्यार और ममता का अनमोल खज़ाना है माँ.. खुद को खो के हमारे लिए जो अपनी खुशियाँ खुशी खुशी वार दे वो है माँ…..

उसकी क़ातिलाना नज़र के – यशु जान Poems in Hindi

उसकी क़ातिलाना नज़र के उसकी क़ातिलाना नज़र के शिकार बन गए हैं, इंतजार करते करते ख़ुद इंतजार बन गए हैं उन्होंने मांग की थी चाँद तोड़कर ज़मीं पे लाने की, आज सितारों की नज़र में हम ग़ुनाहग़ार बन गए हैं दिन भर गलियों में ताकते हैं उनका रास्ता हम , खड़े – खड़े ही यारो…

Karva Chauth Poems Kavita By Prabha Parik in Hindi

करवा चौथ – कविता! – प्रभा पारीक Karva Chauth Poems in Hindi

सुन सखी एक बात सुनाऊॅं आज मैं करवा चौथ मनाऊँ मैंने घर संसार बसाया, एक घरौंदा प्‍यारा पाया पिया ने मुझको ये सुझाया एक सुंदर संगीत सुनाया मै भी करवा चौथ करूंगा तेरे प्‍यार की थाली भर कर मैं चंदा का ध्‍यान करूंगा मेरे प्‍यार और तेरी प्रीत की करवा चौथ निराली होगी तेरे हाथों…

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