औरत मैं औरत हूँ, जी हाँ मैं एक औरत हूँ मैं खूबसूरत हूँ, मैं शिक्षित हूँ, मैं समझदार भी हूँ, मैं माँ हूँ, मैं पत्नी हूँ हाँ मैं वफादार हूँ, जी हाँ मैं वफादार भी हूँ रसोई की हर बरनी और बच्चो के लिए किताब का ज्ञान हूँ खोये हुए रुमाल और अखबार को ढूंढने…
राम नाम का जाप तुम करके अपने कर्मो का हिसाब तुम करके कहीं संभाल तुम रख लेना यह जीवन का चक्र है इतना जो आया है, वो जाएगा इस आने जाने का मान तुम रखना बीज बगूल का जो बोया है फिर मीठा फल, क्यों वो देगा इस मूल बात का ध्यान तुम रखना बुरा…
यही प्रकृति अब कहती है अब बस, सांस मुझे भी लेने दो तुमको जीवन दिया है मैंने अब मुझको भी जीने दो अब सांस मुझे भी लेने दो। मेरी काया मेरी ही छाया। में जीना तुमने है सीखा है मेरा ये रूप अनोखा कभी मौन हूँ, कभी हूँ, मैं शोर हवा का कभी तो नीला…
माँ न जाने क्यों मुझे अब माँ की बहोत याद आती है कुछ कहने पर, अपनी बेटी को जैसे वह मुँह बनती है, मुझे मेरी ही याद दिलाती है न जाने क्यों, मुझे माँ की बहोत याद आती है उसका वो सुबह, जल्दी उठना साथ मुझे उठाना मुँह बनता था, मेरा भी की इतनी जल्दी…
Yoga Poem in Hindi पांच तत्वों से ये काया बनी भूमि, आकाश, हवा, पानी और अग्नि जो जाने इसके पीछे का ज्ञान सत्य है, उसका ही जीवन है धनी। योग स्वयं को जानने का जरिया है आत्म ज्ञान का दरिया है योग वह ज्ञान है जिसमे छिपा विज्ञानं है। खुद से ये शरुआत करो फिर…
“वो ज़माना अच्छा था” गर्मी की छुट्टियां, बिजली का चले जाना गली के नहीं पुरे मोहल्ले के दोस्तों का एक आवाज़ मैं चिल्लाना अच्छा था, अब कहाँ वो दिन दोस्तों, वो ज़माना अच्छा था, वो छुप्पन छुपाई, कब्बड्डी, रस्सा, खो खो खेल देखे ज़माना हो गया बहार के खेल कम न थे !! पर घर…
सफलता क्या कहलाती है एक नन्ही सी, चींटी की कोशिश, हमें यह बताती हैं, दाना लेकर नन्ही सी चींटी, जब अपने पथ पर जाती है, बहोत मुश्किलें आती हैं पथ पर। पर नहीं वह घबराती है, मन में जो विश्वास है उसके, उसी से साहस, फिर वह कर पाती है यही सफलता कहलाती है। सही…
माँ क्या हैं ये तो आज तक कोई भी नहीं बता पाया हैं… हज़ारों जतन करके भी इस छोटे से लब्ज़ की अहमियत कोई लब्ज़ों में नहीं बयान कर पाया हैं.. प्यार और ममता का अनमोल खज़ाना है माँ.. खुद को खो के हमारे लिए जो अपनी खुशियाँ खुशी खुशी वार दे वो है माँ…..
उसकी क़ातिलाना नज़र के उसकी क़ातिलाना नज़र के शिकार बन गए हैं, इंतजार करते करते ख़ुद इंतजार बन गए हैं उन्होंने मांग की थी चाँद तोड़कर ज़मीं पे लाने की, आज सितारों की नज़र में हम ग़ुनाहग़ार बन गए हैं दिन भर गलियों में ताकते हैं उनका रास्ता हम , खड़े – खड़े ही यारो…
सुन सखी एक बात सुनाऊॅं आज मैं करवा चौथ मनाऊँ मैंने घर संसार बसाया, एक घरौंदा प्यारा पाया पिया ने मुझको ये सुझाया एक सुंदर संगीत सुनाया मै भी करवा चौथ करूंगा तेरे प्यार की थाली भर कर मैं चंदा का ध्यान करूंगा मेरे प्यार और तेरी प्रीत की करवा चौथ निराली होगी तेरे हाथों…