दिल्ली नगर व्यापारों का केन्द्र था, इस लिये वहॉं बहुतेरे व्यापारी बसते थे। घी के दो व्यापरियों में कुछ अनबन हो गई। इसलिये उनमें का एक व्यापारी बादशाह के पास पहुँचकर बोला- पृथ्विीनाथ! अमुक व्यापारी मुझसे एक हजार रूपया कर्ज लेकर अब देने से हीला हवाली करता है। उसकी नीयत रूपये देने की नहीं है। […]
Category: Stories
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