जब सर्दी-जुकाम और गले में संक्रमण परेशान करे।

सर्दी के मौसम में ठंडी हवा लगने से न केवल बुखार और सर्दी-जुकाम की समस्‍या होती है बल्कि गला खराब और उसमें दर्द होना आम बात है। यह केवल ठंडी चीजों के खाने से नहीं होता बल्कि ज्‍यादा गर्म खाने से भी हो सकता है।

गले में संक्रमण की वजह वायरल माना जाता है लेकिन यह बैक्‍टीरिया संक्रमण से भी हो सकता है। इसलिए किसी का जूठा खाने और कपड़े के इस्‍तेमाल से बचें। बहुत ज्‍यादा गर्म और ठंडी चीजें भी एक साथ न लें। ओरल हाइजीन (मुंह की सफई) का ध्‍यान रखना चाहिए।

बचाव के लिए गुनगुने पानी में सिरके की बूंदे और नमक मिलाकर रोजाना गरारे करें। ज्‍यादा समस्या हो तो हर 3 घंटे में दोबारा कर सकते हैं। इसके बाद ठंडी चीजें न लें।

• रोज सुबह ब्रश करने बाद एक-एक चम्‍मच शहद-अदरक का रस लें।
• गले में दर्द है तो अजवाइन, मुलैठी और नीलगिरी के तेल का भाप लें।
• टॉन्सिल बढ़े हो तो कच्‍ची हल्‍दी को उबालकरए पीएं। कच्‍ची हल्‍दी को गले के नीचे रखने से भी लाभ मिलता है। लार के साथ अंदर जाने दें। इसके बाद पानी न पीएं।
• मुलैठी और पान के पत्‍ते को एक साथ चबाने से भी गले के दर्द और सूजन में आराम मिलता है।
• शाम को 4-5 मुनक्‍के के बीच को चबाने से भी गले के दर्द व खराश में राहत मिलती है।
• 2-3 बार ले सकते हैं एक चम्‍मच शहद और एक छोटा चम्‍मच नींबू का रस दिनभर में। गले के दर्द में रहात मिलती है।
• अजवाइन-मुलैठी के पानी से भाप लें, गरारे करते रहें।

नमी वाली जगह न रखें ब्रश!
ब्रश को साफ करने के लिए गर्म पानी में एक चुटकी नमक डालकर धो लें। इससे ब्रश साफ हो जाता है। ब्रश को नमी वाले स्‍थान पर ना रखें, इसमें बैक्‍टीरिया पनप जाते हैं।

शाम को अंजीर की चाय!
शाम को पांच अंजीर और दालचीनी को उबालकर चाय की तरह लें। सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्‍नीशियम, फाइबर आदि होते हैं जो गले को राहत देते हैं।



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