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ठंड के दिन सेहत बनाने के होते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधारने के भी और स्वाद ग्रंथियों के उत्सव के भी। ज़रा सोचिए क्या कुछ नेमतें हमें हासिल होती हैं इस मौसम में… एक बानगी।
सर्दियों के दिनों में सिर्फ़ गर्म कपड़े पहनने से काम नहीं चलेंगा। आपको अपने भोजन में भी ऐसी चीज़ें शामिल करनी होंगी जो अंदर से गर्मी दें। ये सभी चीजें कहीं और नहीं बल्कि आपकी रसोई में ही मौजूद हैं। सेहत के साथ-साथ ये स्वाद के ख़जाने भी सर्दियों में ही इस कदर निखर कर आते हैं।
सर्दियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए शहद।
खांसी-जुकाम में एक चम्मच शहद खाने की सलाह दी जाती है। सर्दियों के दिनों में शहद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है औश्र सर्दी से बचाव होता है। शहद प्राकृतिक मिठास भी है जिसे शक्कर की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे कैलोरी कम होती है। यह विभिन्न फूलों का रस है जो संतुलित आहार बनाने में मदद करता है।
सर्दियों में वात, पित्त और कफ़ के लिए हरी मिर्च।
हरी मिर्च का तीखापन शरीर का तापमान बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए हरी मिर्च जरूर खाएं। यह वात, पित्त और कफ़ तीनों में लाभदायक है।
सर्दियों में हर गुण से पूर्ण अनार।
अनार में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन-सी और पॉलीफेनोल पाए जाते हैं जिनसे खून साफ होता है। ये बुखार और सर्दी से भी बचाते हैं। धमनियों की रूकावट को खोलने में भी मददगार हैं। इसका सेवन दिन में करें।
सर्दियों में दालचीनी और लौंग।
दालचीनी और लौंग शरीर में गर्मी पैदा करती है जो ठंड से लड़ने में मदद करती है। इनको भोजन के अलावा चाय या कॉफी में डालकर पी सकते हैं। दालचीनी मधुमेह नियंत्रित करती है। वहीं लौंग का रस दांतों और मुंह के रोगों से बचाता है।
सर्दियों में हडि्डयों के लिए अमरूद।
खट्टे फलों की तरह अमरूद में भारी मात्रा में विटामिन-सी होता है, जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसमें मैग्नीशियम और पोटैशियम भी पाए जाते हैं, तो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। अमरूद दिल के लिए भी अच्छा होता है।
सर्दियों में शरीर को गर्म रखते हैं खट्टे फल।
खट्टे फलों में विटामिन-सी और फ्लावोनोइड्स पाए जाते हैं जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। शरीर को गर्म रखने में भी मदद करते हैं। इनसे गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। संतरा इन दिनों खूब खाया जाता है।
सर्दियों में गर्माहट के लिए लहसुन और प्याज़
हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को लहसुन खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन ठंड के मौसम में लहसुन खाने से शरीर को अंदरूनी रूप से गर्मी मिलती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो शरीर को बैक्टीरिया और वायरस के हमले से बचाते हैं। गले में खराश होने पर 2-3 कच्ची लहसुन की कलियां खाने से आराम मिलता है।
प्याज़ खाने से शरीर का तापमान बढ़ता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह सल्फर के अच्छे स्त्रोतों में से एक है। हाथ-पैर से निकलने वाले पसीने को रोकता है।
सर्दियों में सेहत के कुछ चित-परिचित स्त्रोत
प्रोटीन का स्त्रोत बाजरा:- बाजरा खाने से भी शरीर में गर्मी आती है। दूसरे अनाजों के मुकाबले बाजरे में प्रोट्रीन सबसे अधिक पाया जाता है।
मेथी की साग:- मेथी के साग में आयरन और फोलिक एसिड ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं। इसे खाने से शरीर में खून की वृद्धि और गर्मी पैदा होती है।
अदरक:- सर्दी से बचने के लिए सूखी और कच्ची अदरक दोनों का इस्तेमाल कर सकते है। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। अदरक वाली चाय के अलावा सर्दी जुकाम में अदरक के रस में शहद मिलाकर लें। अदरक से गले की खराश दूर होती है।
हल्दी:- ठंड में बीमारियों से बचने के लिए रात को दूध में हल्दी मिलाकर उबालें और पिएं। इससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी।
तिल और गुड़:- तिल औश्र मिश्री का काढ़ा बनाकर पीने से खांसी-जुकाम दूर होता है। तिल और गुड़ से बनी तिलकुट और रेवड़ी खाने से शरीर में गर्मी आती है। मूंगफली औश्र गुड से बनी गजक ठंड से बचाती है।
सूखे मेवे:- ये विटामिन और फाइबर से भरपूर होते हैं जो शरीर को गर्म रखते हैं। इन्हें सीमित मात्रा में लें।
मूंगफली:- मूंगफली खाने से शरीर में गर्मी आती है और सर्दी से बचाव होता है।
बादाम:- यह दिमाग के लिए अच्छा होता है, साथ ही कब्ज दूर करता है। सर्दी से भी बचाव करता है। इसमें विटामिन-ई पाया जाता है। जो सर्दियों में होने वाली त्वचा संबंधित समस्याओं से बचाता है।
गाजर:- गाजर से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। गाजर के हलवे और अचार का यही तो मौसम है।
गुणकारी पालक, चौलाई, मटर, मूली की भांजी, बथुए के हरियाली पौष्टिकता और मूंग दाल उड़द, गोंद, सौंठ और अजवायन वाले लड्डुओं के स्वाद को भी याद रखिएगा।
सर्दियों में सेहत की रेसिपी
• कड़ाही में कद्दूकस की हुई गाजर डालें और दूध मिलाकर पकाएं। जब ये मिश्रण थोड़ा गाढ़ा हो जाए, तो इसमें सभी सूखे मेवे काटकर मिलाएं। इसे गाढ़ा होने तक पकाएं। कम कैलोरी चाहते हैं तो शक्कर नहीं डालें। घी डालना आवश्यक नहीं है।
• चार चम्मच भुना हुआ तिल, चार चम्मच मिश्री और एक गिलास पानी मिलाकर धीमी आंच पर काढ़ा बनने तक पकाएं। इसमें लौंग भी मिला सकते हैं। सर्दी होने पर एक-एक चम्मच काढ़ा दिन में तीन बार पी सकते हैं।
• हरा धनिया, हरी मिर्च और नमक पीसकर चटनी बना लें। इसे रोजाना खाने में शामिल करें। इसमें मूंगफली डालकर स्वाद ही नहीं, पौष्टिकता भी बढ़ा सकते हैं।
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