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फिटकरी के आयुर्वेदिक फायदे! Alum Stone Benefits in Hindi

• फिटकरी से जल स्‍वच्‍छ किया जाता है। दाड़ी बनाने के बाद गालों पर चर्म रोगों से बचाव हेतु मला जाता है। कट जाने या छिल जाने पर इसके चूर्ण को लगाया जाता है। घीकुमार और करैलों को फिटकरी के पानी से धोकर उसकी कटुता मिटाई जाती है। ऑंवले को मुरब्बा बनाने हेतु हरे ऑंवलों […]

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गन्ना-स्‍वरस, गुड़ व शक्कर! Sugarcane Juice Health Benefits in Hindi

• ईख (गन्ना) का स्‍वरस पीना कामला रोग (पीलिया Jaundice) में अत्‍यधिक लाभप्रद है। • ईख (गन्‍ना) कफकारक और गुड़ वात और कफ नाशक है। गुड़ खाकर जल पीने से पित्त शांत होता है। • गुड़ से बना शरबत पीने से लू की बैचैनी शांत हो जाती है। • तीव्र ज्‍वर में गुड़ के साथ […]

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स्‍वप्‍न दोष, नाईट डिस्‍चार्ज (Nightfall) आयुर्वेदिक उपचार हिंदी में!

स्वप्न दोष क्या होता है रोग परिचय:- ( Night Fall Kya Hai ?) इस रोग को उर्दू में एहतलाम के नाम से जाना जाता है। इस रोग में नींद में स्‍त्री का स्‍वप्‍न आता है। रोगी स्‍वप्‍न में उस स्‍त्री से संभोग करता है, जिसके फलस्‍वरूप नींद में ही वीर्यपात हो जाता है और पहने […]

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जानें:- सौंफ खाने के फायदे! Saunf Health Benefits in Hindi

सौंफ के फायदे • विश्‍व के लगभग सभी देशों के औषधिकोश में सौंफ को गौरवशाली स्‍थान प्राप्‍त है। यह मूत्र लाने वाली, वायु को निकालने वालीद्व कमजोरी दूर करने वाली ऑंखों की ज्‍योति के लिए अत्‍यन्‍त ही लाभकारी है। इसका स्‍वाद भी मधुर है। • भोजनोपरान्‍त थोड़ी सी सौंफ चबाने से मुख के छाले नष्‍ट […]

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न्‍यून रक्‍तचाप, अल्‍प रक्‍तदाब, लो ब्लड प्रेशर का आयुर्वेदिक इलाज

रोग परिचय- उच्‍च रक्‍तदाब (हाई ब्‍लड प्रैशर) की भांति ही अल्‍प रक्‍तदाब (लो ब्‍लड प्रैशर) भी भयानक होता है। इसके परिणाम घातक हो सकते हैं। उच्‍च रक्तदाब में वृद्धि होती है तो निम्‍न रक्तदाब में कमी हो जाती है। जब किसी मनुष्‍य का ब्लड प्रैशर 100 एम.एम. माइनस से कम रहने लग जाये तब इसको […]

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उच्च रक्तचाप (High blood pressure) का आयुर्वेदिक उपचार।

रोग परिचय- रक्‍तदाब मापी यंत्र से रक्‍त भार मापने पर जब 150 से 300 तक रक्‍तचाप बढ़ जाता है तब अनेक विकार शरीर में उत्पन्‍न हो जाते हैं जो रक्‍तदाब सामान्‍य होते ही स्‍वयं सामान्‍य हो जाते हैं। रक्‍त चाप का बढ़ना कोई स्‍वयं में स्‍वतंत्र रोग नहीं है, बल्कि यह शरीर में पनप रहे […]

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बिवाई / एड़ियों का फटना Cracked Heel (Chilblains) आयुर्वेदिक उपचार

दोस्‍तों, आप नीचे दिये गये आयुर्वेदिक उपचारों से अपने पैरों की एडि़यों के फटना (Cracked Heel), बिवाई फटने (Chilblains) का उपचार कर सकते है। यह आयुर्वेदिक उपचार एक बहुत पुरानी पुस्‍तक से लिये गये है, परंतु सब इंसानों के शरीर की बनावट भिन्‍न-भिन्‍न होती। आयुर्वेदिक उपचार के वैसे तो कोई दुष्‍प्रभाव नहीं होते है परंतु […]

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जानें:- खांसी का आयुर्वेदिक उपचार। Cough Ayurvedic Gharelu Upay in Hindi

रोग परिचय:- खॉंसी श्‍वास प्रणाली के अनेक विकारों का एक लक्षण है केवल श्‍वास-प्रणाली ही नहीं, बल्कि यकृत (Liver) की खराबी के कारण से खाँसी का प्रकोप हो जाया करता है। ⇒ खाँसी के आयुवेर्दिक उपचार। • छिलके सहित अखरोट की भस्‍म कर 1 ग्राम की मात्रा में 6 ग्राम शहद मिलाकर सेवन कराना खाँसी […]

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जानें पीलिया, पांडु, कामला, जॉन्डिस का आयुर्वेदिक उपचार

रोग परिचय:- इस रोग में शरीर की चमड़ी चर्म का रंग पीला नजर आने लगता है। रोगी की ऑंखों तथा नाखूनों का रंग पीला पड़ जाता है। मूत्र भी पीले रंग का आने लगता है। यह रोग जब अत्‍यधिक बढ़ जाता है, तब रोगी को सब कुछ पीला ही पीला नजर आने लगता है। यहॉं […]

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जानें:- सिरदर्द के आयुर्वेदिक उपचार Headache Home Remedies in Hindi

सिरदर्द स्‍वयं में कोई रोग नहीं होता है बल्कि यह किन्‍हीं दूसरे रोगों के कारण हुआ करता है। • आमाशय और अंतडि़याँ कमजोर हो जाने, भोजन न पचने, आमाशय और अंतडि़याँ फूल जाने या पेट के तंन्त्रिका-तंत्र बोझ पड़ने से भोजनोपरान्‍त सिर भारी हो जाता है और सिर में दर्द होने लगता है। रोग के […]

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