Currently browsing:- Renuka Kapoor
रेणुका कपूर जी मूलतः दिल्ली की निवासी है, इनकी समस्त रचनाओं को यहां पढ़ा जा सकता है।
ज़िंदा था जब मैं, तो किसी ने हाल न पूछा गम लिए रात भर, जगता रहा मैं क्या है ये मलाल न पूछा आँख भर आंसू लिए , हँसता रहा मैं कोन सा लगा है ये इलज़ाम न पूछा दोस्तों की महफ़िल साजता था मैं भी गमो को भुलाके, गाता था मैं भी आज जो…
औरत मैं औरत हूँ, जी हाँ मैं एक औरत हूँ मैं खूबसूरत हूँ, मैं शिक्षित हूँ, मैं समझदार भी हूँ, मैं माँ हूँ, मैं पत्नी हूँ हाँ मैं वफादार हूँ, जी हाँ मैं वफादार भी हूँ रसोई की हर बरनी और बच्चो के लिए किताब का ज्ञान हूँ खोये हुए रुमाल और अखबार को ढूंढने…
राम नाम का जाप तुम करके अपने कर्मो का हिसाब तुम करके कहीं संभाल तुम रख लेना यह जीवन का चक्र है इतना जो आया है, वो जाएगा इस आने जाने का मान तुम रखना बीज बगूल का जो बोया है फिर मीठा फल, क्यों वो देगा इस मूल बात का ध्यान तुम रखना बुरा…
दूसरों से क्यों उम्मीद करूँ मैं खुद से ही क्यों न शुरुआत करू मैं खुद का ही क्यों न सम्मान करू मैं जो मुझे नहीं सही लगता क्यों किसी के कहने पर उसका गुणगान करू मैं मेरी भी खुद की भाषा है मेरी भी छोटी सी आशा है क्यों तुम पर ही विश्वास करू मैं…
यही प्रकृति अब कहती है अब बस, सांस मुझे भी लेने दो तुमको जीवन दिया है मैंने अब मुझको भी जीने दो अब सांस मुझे भी लेने दो। मेरी काया मेरी ही छाया। में जीना तुमने है सीखा है मेरा ये रूप अनोखा कभी मौन हूँ, कभी हूँ, मैं शोर हवा का कभी तो नीला…
माँ न जाने क्यों मुझे अब माँ की बहोत याद आती है कुछ कहने पर, अपनी बेटी को जैसे वह मुँह बनती है, मुझे मेरी ही याद दिलाती है न जाने क्यों, मुझे माँ की बहोत याद आती है उसका वो सुबह, जल्दी उठना साथ मुझे उठाना मुँह बनता था, मेरा भी की इतनी जल्दी…
Yoga Poem in Hindi पांच तत्वों से ये काया बनी भूमि, आकाश, हवा, पानी और अग्नि जो जाने इसके पीछे का ज्ञान सत्य है, उसका ही जीवन है धनी। योग स्वयं को जानने का जरिया है आत्म ज्ञान का दरिया है योग वह ज्ञान है जिसमे छिपा विज्ञानं है। खुद से ये शरुआत करो फिर…
“वो ज़माना अच्छा था” गर्मी की छुट्टियां, बिजली का चले जाना गली के नहीं पुरे मोहल्ले के दोस्तों का एक आवाज़ मैं चिल्लाना अच्छा था, अब कहाँ वो दिन दोस्तों, वो ज़माना अच्छा था, वो छुप्पन छुपाई, कब्बड्डी, रस्सा, खो खो खेल देखे ज़माना हो गया बहार के खेल कम न थे !! पर घर…
सफलता क्या कहलाती है एक नन्ही सी, चींटी की कोशिश, हमें यह बताती हैं, दाना लेकर नन्ही सी चींटी, जब अपने पथ पर जाती है, बहोत मुश्किलें आती हैं पथ पर। पर नहीं वह घबराती है, मन में जो विश्वास है उसके, उसी से साहस, फिर वह कर पाती है यही सफलता कहलाती है। सही…
हेलो दोस्तों, मैं आज एक खास विषय में चर्चा कर रही हूँ, जो की आजकल न्यूज़ चेंनल में छाया हुआ है, जी हाँ मैं डेप्रेशन के बारे में बात कर रही हूँ, क्या है डेप्रेशन ? डेप्रेशन का नाम सुनते ही लोगो के मन में एक ही ख्याल आता है की ये एक दिमागी बीमारी…