एक आश्रम में गुरू और शिष्य रहते थे। एक दिन शिष्य गुरू के पास आया और बोला कि एक व्यक्ति आश्रम में आया है आैर वह अपनी भैसों को कुछ समय के लिए हमारे आश्रम में भैसों को छोडना चाहता है गुरूजी ने शिष्य की बात सुनकर बडे शांत मन से कहा कि चलो अच्छा […]
बुद्ध ने 32 कुरूपताएं शरीर में गिनायी हैं, इन बत्तीस कुरूपताओं का स्मरण रखने का नाम कायगता-स्मृति है। पहली तो बात, यह शरीर मरेगा। इस शरीर में मौत लगेगी। मां के गर्भ में तुम कहां थे, तुम्हें पता है? मल-मूत्र से घिरे पड़े थे, उसी मल-मूत्र से तुम्हारा शरीर धीरे-धीरे निर्मित हुआ और उसी मल-मूत्र […]