थायराइड की समस्या आजकल एक गंभीर समस्या बनी हुई है। थायराइड मानव शरीर मे पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है। थाइराइड गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होती है। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है जिससे शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है। थायराइड तितली के आकार की होती है। थायराइड दो तरह का होता है। हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड। पुरूषों में आजकल थायराइड की दिक्कत बढ़ती जा रही है। थायराइड में वजन अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है। इस रोग में काफी दिक्कत होती है।
थायराइड को साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण व्यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी का निदान होता है तब तक देर हो चुकी होती है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है लेकिन ज्यादातर चिकित्सक एंटी बॉडी टेस्ट नहीं करते हैं जिससे ऑटो-इम्युनिटी दिखाई देती है।
आमतौर पर शुरुआती दौर में थायराइड के किसी भी लक्षण का पता आसानी से नहीं चल पाता, क्योंकि गर्दन में छोटी सी गांठ सामान्य ही मान ली जाती है। और जब तक इसे गंभीरता से लिया जाता है, तब तक यह भयानक रूप ले लेता है। थायराइड ग्रंथि शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है यानि जो खाना हम खाते हैं यह उसे उर्जा में बदलने का काम करती है। इसके अलावा यह मांसपेशियों, हृदय, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है।
थायराइड आखिर क्यो होता है क्या कारण हो सकते है।
• जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती है।
• यदि आप के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या है तो आपको थायराइड होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह थायराइड का सबसे अहम कारण है।
• कई बार कुछ दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव भी थायराइड की वजह होते हैं।
• ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण है। इसमें थायरायड ग्रंथि से थायरायड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है। ग्रेव्स रोग ज्यादातर 20 और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करता है, क्योंकि ग्रेव्स रोग आनुवंशिक कारकों से संबंधित वंशानुगत विकार है, इसलिए थाइराइड रोग एक ही परिवार में कई लोगों को प्रभावित कर सकता है।
• थायराइट की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है क्यों कि यह थायरायड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत नहीं दे पाती।
• थायरायडिस- यह सिर्फ एक बढ़ा हुआ थायराइड ग्रंथि (घेंघा) है, जिसमें थायराइड हार्मोन बनाने की क्षमता कम हो जाती है।
• भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड की समस्या पैदा करता है।
• इसोफ्लावोन गहन सोया प्रोटीन, कैप्सूल, और पाउडर के रूप में सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग भी थायराइड होने के कारण हो सकते है।
• सिर, गर्दन और चेस्ट की विकिरण थैरेपी के कारण या टोंसिल्स, लिम्फ नोड्स, थाइमस ग्रंथि की समस्या या मुंहासे के लिए विकिरण उपचार के कारण।
• रजोनिवृत्ति भी थायराइड का कारण है क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते है। जो कई बार थायराइड की वजह बनती है।
• थायराइड का अगला कारण है गर्भावस्था, जिसमें प्रसवोत्तर अवधि भी शामिल है। गर्भावस्था एक स्त्री के जीवन में ऐसा समय होता है जब उसके पूरे शरीर में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होता है, और वह तनाव ग्रस्त रहती है।
थायराइट के लिए अति असरकारक घरेलु उपाय:-
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- पानी ज्यादा पिएं :- रोज कम से कम 10 से 12 गिलास पानी पिएं। इससे बॉडी का वेस्ट मटेरियल को बाहर निकालने में मदद मिलेगी और थाइरॉयड फंक्शन बेहतर होगा।
- ओट्स खाएं :- ओट्स में मौजूद न्यूट्रिएंट्स हमें हेल्दी रखने के साथ-साथ थाइरॉयड से राहत देने में हेल्पफुल हैं। जब भी हल्की भूख लगे, तो ओट्स खाएं।
- नारियल तेल और दूध :- रोज सुबह एक गिलास दूध में एक चम्मच नारियल तेल मिलाकर पिएं। थाइरॉयड से राहत मिलेगी।
- आयोडीन फूड :- अपनी डाईट में रिच आयेडीन फूड शामिल करें। इससे थाइरॉयड फंक्शन सही रखने में मदद मिलेगी। सी फूड, मछलियों, पत्तागोभी और गाजर में भरपूर आयेडीन होता है।
- अखरोट और बादाम :- अखरोट और बादाम में सेलेनियम नामक तत्व पाया जाता है जो थॉयराइड की समस्या के उपचार में फायदेमंद है। 1 आंउस अखरोट में 5 माइक्रोग्राम सेलेनियम होता है। अखरोट और बादाम के सेवन से थॉयराइड के कारण गले में होने वाली सूजन को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। अखरोट और बादाम सबसे अधिक फायदा हाइपोथॉयराइडिज्म (थॉयराइड ग्रंथि का कम एक्टिव होना) में करता है।
- नारियल का तेल :- नारयिल तेल में मौजूद फैटी एसिड थाइरॉयड का खतरा टालते है, इसलिए खाना बनाने के लिए नारियल तेल का उपयोग करें।
- सनफ्लावर सीड :- सनफ्लावर सीड भूनकर रख लें। इन्हें रोज सुबह-शाम एक चम्मच अच्छी तरह चबाकर खाएं। इनसे बॉडी को कॉपर मिलेगा और थाइरॉयड की आशंका कम होगी।
- हरी-पत्तेदार सब्जियां :- थाइरॉयड ग्लैंड के लिए आयरन भी हेल्पफुल है। अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा हरी-पत्तेदार सब्जियां शामिल करें। इनसे पर्याप्त आयरन मिलेगा।
- मशरूम है मददगार :- मशरूम खाने से थाइरॉयड की आशंका घटती है। इसमें भरपूर विटामिन होता है, जो थाइरॉयड ग्लैंड को बेहतर फंक्शन करने में हेल्प करता है।
- लौकी का जूस :- रोज सुबह खाली पेट एक गिलास लौकी का जूस पिएं, फिर आधे घंटे तक कुछ भी न खाएं-पिएं थाइरॉयड का खतरा टलेगा।
- शहद और एप्पल विनेगर :- रोज सुबह उठने के बाद गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और आधा चम्मच एप्पल विनेगर डालकर पिएं।
- तुलसी और एलोवेरा :- आधा चम्मच एलोवेरा जूस में 2 बूंद तुलसी की पत्तियों का रस मिलाएं। दिन में 2 बार इसे पिएं।
- हल्दी खाएं :- रोज एक चम्मच भुनी हल्दी का पाउडर खाकर गुनगुना पानी पी लें। हल्दी वाला दूध भी पी सकते हैं।
- काली मिर्च की चाय :- चाय में जरा सी काली मिर्च और सोंठ डालकर पिएं। थाइरॉयड की शिकायत दूर होगी।
- प्याज और लहसुन :- रोज सुबह शाम कच्चे लहसुन की कलियां खाकर पानी पिएं। ऐसे ही सलाद में कच्चा प्याज खाएं। इनसे भरपूर विटामिन मिलेगा, जो थाइरॉयड फंक्शन सही रखने में हेल्पफुल है।
- धनिए का पानी :- एक गिलास पानी में 2 चम्मच साबुत धनिया रातभर भिगोकर रखें। सुबह इस पानी को उबालें और इसमें चुटकीभर नमक डालकर पी लें।
- पालक और नींबू :- रात को सोने से पहले एक कप पालक के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर पिएं।
- फूल गोभी से रहें दूर :- फूल गोभी और ब्रोकली थाइरॉयड फंक्शन को कमजोर करते हैं, इसलिए इन्हें खाने से बचें।
- सोया न खाएं :- सोयाबीन थाइरॉयड पेशेंट्स की प्रॉब्लम बढ़ा देता है, इसलिए सोया फूड और सोया आयल खाने से बचें।
- जंक फूड न खाएं :- जंक फूड और फास्ट फूड वजन बढ़ाने के साथ-साथ थाइरॉयड ग्लैंड पर बुरा असर डालते हैं, इसलिए इन्हें न खाएं।
English Summery :- Thyroid Treatment Home Remedies in Hindi, Thyroid Ka Gharelu Nuskhe Upchar in Hindi Language,
nicevery good
क्या थाइरोइड की वजह से बच्चे होने मे भी दिक्कत होती है
हां जी बिलकुल हो सकती है …
थायरॉइड के कारण यदि गर्भधारण में समस्या हो तो क्या करें?
मेरे गले की थाइरोइड हलकी सी सूज गई है और उसमें थोडा दर्द भी होता है. क्या मुझे थाइरोइड की बीमारी है?