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इन दिनों सुबह के कोहरे की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, हवा में शुष्कता से धूल मिट्टी ज्यादा उड़ने लगती है और गले में तरह-तरह का इंफेक्शन होने लगता है। ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. उत्तम अग्रवाल द्वारा बताई गई, गले से जुड़ी इन समस्याओं, उनके इलाज और सावधानियों को जान लेना जरूरी है-
• खांसी
बैक्टीरियल इंफेक्शन, इलर्जी, वायरल इंफेक्शन, एसिड रिफ्लक्स या गले में ट्यूमर से भी खांसी हो सकती है।
इलाज:- डॉक्टर द्वारा सुझाई गई कफ सिरप और एंटीबॉयोटिक दवाएं लें और कुछ दिनों तक गुनगुना पानी पीएं। अगर खांसी दो हफ्ते में भी ठीक न हो, तो किसी अस्पताल में जाकर टीबी का टेस्ट जरूर करवाएं।
सावधानी:- ठंडे पेय, धूल मिट्टी से बचाव रखें।
• एलर्जी
गले में एलर्जी की मूल वजह है प्रदूषण। इसके अलावा किसी खास फूड, फूलों के पराग कण, बेडशीट की डस्ट, धूल और धुएं से भी ऐसा हो सकता है।
लक्षण:- सांस लेने में दिक्कत, सूखी खांसी, नाक से पानी गिरना, हल्का बुखार, बोलने में परेशानी, गले में जलन या दर्द।
इलाज:- लक्षणों के मुताबिक एंटी एलर्जिक दवा दी जाती है। अगर एलर्जी का सही समय पर उपचार न हो तो फेफड़े और ट्रेकिया प्रभावित होकर न्यूमोनिया या रेस्पीरेटरी फेत्योर भी हो सकता है।
सावधानी:- मास्क का प्रयोग करें। घर में रोज गीले कपड़े से पोंछा लगवाएं। बेडशीट को गरम पानी से धोकर कड़क धूप में सुखाएं। जिस वजह से एलर्जी होती है उससे दूर रहें।
• लैरिंजाइटिस
इंफेक्शन एलर्जी या अन्य किसी कारण से स्वर यंत्र में समस्या होने पर इसे लैरिंजाइटिस कहते हैं। इसकी वजह से न सिर्फ बोलने में बल्कि सांस लेने में भी तकलीफ आ सकती है। लंबे समय तक एलर्जी, एसिड रिफ्लक्स, साइनुसाइटिस जैसी समस्याएं होने पर क्रॉनिक लैरिंजाइटिस की समस्या हो सकती है।
लक्षण:- खांसी, गले में खिचखिच, जलन, दर्द, सूखापन और बोलने में असुविधा।
इलाज:- ईएनटी स्पेशलिस्ट द्वारा सुझाई गई दवाओ के अलावा गुनगुने पानी से गरारे, भाप आदि लेनी चाहिए। सांस में दिक्कत होने पर इन्हेलर लेना जरूरी है।
सावधानी:- धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन बिल्कुल न करें। एलर्जीकारक तत्वों से दूर रहें।
• एसिड रिफ्लक्स
पाचन संबंधी समस्याओं या अन्य कारणों से पेट में भोजन पचाने वाला अम्ल ऊपर गले तक आ जाता है। इससे गले में इंज्यूरी या इंफ्लेमेशन हो जाता है।
लक्षण:- बार-बार खांसी होती है, उल्टी के इच्छा खट्टी डकारें और सीने में जलन होती है।
इलाज:- एंटासिड दवाएं खाने से आराम मिलता है। जरूरत पड़ने पर चिकित्सक एंडोस्कोपी की सलाह देते हैं। सोने से दो घंटे पहले भोजन करें और मॉनिंग व ईवनिंग वाक करें।
• टांसिलाइटिस
ठंडी चीज खाने या ठंड से यह समस्या होती है।
लक्षण:- गले में दर्द, थूक या पानी गिटकने में दर्द, मुंह से बदबू, कान में संक्रमण।
इलाज:- एंटीबायोटिक्स व नमक मिले गरम पानी के गरारे और ठंडी चीजें खाने से परहेज।
सावधानी:- गरम पानी से नहाएं, गले को ढककर रखें।
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