Table of Contents
गर्मी की दस्तक के साथ ही जूस पीने की तलब होने लगती है, ध्यान रहे फलों का जूस आपको बीमार न कर दे। जानते हैं कि जूस आपकी सेहत के लिए किस तरह से नुकसानदायक साबित हो सकता है:-
जूस इंडस्ट्री पिछले कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़ी है। स्वस्थ जीवन के लिए हर कोई जूस पीने की वकालत भी करता रहा है। हरे, लाल और जामुनी रंग के जूस का प्रचार इस तरह से किया जाता है कि इनका स्वाद अच्छा नहीं है, पर ये सेहत के लिए अच्छे हैं। लेकिन आपके लिए यह जानना जरूरी है कि जूस हमेशा आपकी सेहत या सेहत से जुड़े लक्ष्यों के लिए सही नहीं है।
सुस्त पाचन प्रणाली!
जब आप अच्छे फलों और सब्जियों को जूस में तब्दील कर देते हैं तो सुपर जूसर वही काम करता है, जो आपकी पाचन प्रणाली करती है। अगर यह एक आदत बन जाती है तो आपका पेट और पाचन प्रणाली पहले से कटे हुए भोजन या तरल रूप में पदार्थों को प्राप्त करने का आदी हो जाता है। इससे आपकी पाचन प्रणाली सुस्त हो जाती है। ऐसे में जब आप साधारण ठोस आहार खाते हैं तो हार्मोनल स्त्राव कम प्रभावी रहता है।
बाय-बाय फायबर!
ज्यादातर फल, सब्जियों और अनाजों में डायटरी फायबर पाया जाता है। यह पोषक आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आपके शरीर को बीमार होने से रोकता है। यह आपको लंबे समय तक ऊर्जावान रखता है। जब आप फलों और सब्जियों को तरल या जूस के रूप में ग्रहण करते है तो इनके फायदेमंद फायबर बाहर ही रह जाते हैं। बिना पोषक फायबर के जूस पीने से ज्यादा फायदा नहीं होता है।
जूस से प्रेरित शुगर साइकल!
हालांकि फल और सब्जियों से प्राप्त होने वाली शुगर अन्य वैकल्निक स्त्रोतों से प्राप्त होने वाली शुगर से अच्छी है। लेकिन जब आप जूस पीते हैं तो यह आपके ब्लड शुगर के स्तर हो बढ़ा देती है। यह शरीर में एक दुष्चक्र पैदा करता है, जो आपकी भूख और मूड पर नकारात्मक असर डालता है। यह शरीर में डायबिटीज जैसी बीमारियों को पैदा कर सकता है।
जल्दी भूख लगने लगती है!
हमारा शरीर ठोस आहार के मुकाबले तरल भोजन को जल्द प्रोसेस कर सकता है। उदाहरण के तौर पर जब आप एक सेब खाते हैं तो इसे पचने में एक पूरी सीरीज काम करती है। इसे मुंह की मदद से टुकड़ों में बांटा जाता है, पेट में एंजाइम्स की मदद से पचाया जाता है। जूस के कारण इस पूर प्रक्रिया को बाई-पास कर दिया जाता है। इससे आपके अगले भोजन का अवधि घट जाती है और आप दुबारा भूख महसूस करने लगते है।
खुद पर काबू रखने की कोशिश बेकार!
जूस आपके लिए मजेदार हो सकते हैं। नए जमाने के जूसर तुरंत स्वादिष्ट जूस देते हैं। मौसमी के एक गिलास जूस के लिए आपको चार मध्यम आकार की मौसमी की जरूरत पड़ती है। लेकिन जूस और इसके ठोस आहार में अंतर है कि चार मौसमियों में आपको ज्यादा घुलनशील फायबर मिलेगा, लेकिन फ्रूट शुगर और कैलोरी का मात्रा जूस के बाराबर ही मिलेगी। हम में से ज्यादातर लोग मौसमी के जूस का एक बड़ा गिलास आसानी से पी लेंगे, पर आसानी से सात या आठ मौसमी नहीं खा पाएंगे। अगली बार जब आप किसी फल या सब्जी का एक गिलास जूस बनाने जा रहे हों तो एक बार उसे ठोस रूप में खाने की कोशिश करें, अपको पता लग जाएगा कि आप जूस के रूप में कितनी कैलोरी लेने जा रहे है।
यह है सही तरीका!
यह सही है कि जूस के मुकाबले सीधे फल या सब्जियों का सेवन करना ज्यादा अच्छा होता है। लेकिन यदि आपको जूस पीना पसंद है तो आपको कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए:-
फलों के जूस के मुकाबले सब्जियों के जूस ज्यादा अच्छे विकल्प हैं। आप सब्जियों के जूस का सेवन कर सकते हैं। आमतौर पर आप भोजन में बहुत ज्यादा सब्जियों का समावेश नहीं करते हैं तो आप जूस के रूप में सब्जियां ग्रहण कर सकते है। गाजर और चुकंदर के जूस में काफी कैलोरी होती है। आप कई तरह के कॉम्बिनेशन इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप जूस में कुछ तत्वों का समावेश कर सकते हैं। आप जूस में सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज और अलसी के बीज मिला सकते हैं। इससे आपका जूस पोषक बन सकता है। जूस की मदद से इन तत्वों को ग्रहण करना भी आसान हो जाता है।
जूस जितना ताजा हो, उतना ही ज्यादा फायदेमंद होता है। अगर आप सुबह आठ बजे जूस तैयार करते हैं और 11 बजे इसे पीते हैं तो इसमें से विटामिन्स का नुकसान हो जाता है। आप फलों और सब्जियों के सेल्स को काट देते हैं और हवा और सूरज की रोशनी में रखते हैं, तो इसके विटामिन और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
यह भी पढ़े :- इम्युनिटी को बढ़ाते हैं ये हैल्दी ड्रिंक्स!
English Summery: Read Juice Benefits and Side Effects in Hindi, Know Fruit Juice Side Effects in Hindi, Jane Juice Peene Ke Fayde aur Nuksan in Hindi,