हेयर ट्रांसप्लांट से पहले जान लें इससे जुडे खतरे व सावधानियां।
अनुमान के अनुसार एक व्यक्ति के सिर में लगभग 1 लाख बाल होते हैं। इनमें से 90 % बाल जो झड़ते और निकलते रहते हैं। परंतु किन्ही कारण से बालों का झड़ना तो तेजी से जारी रहता है पर नए बाल नहीं आते हैं। ऐसे में व्यक्ति गंजा होने लगता है। व्यक्ति कई प्रकार के प्रयासों के बाद भी बाल नहीं उगत तो वह हेयर ट्रांसप्लांट कराते हैं। जानते हैं कि हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में:-
मुंबई में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद मरीज की मौत से तकनीक पर उठे सवाल। यह है मामला-
मुंबई के एक 43 वर्षीय व्यक्ति ने मार्च 2019 में हेयर ट्रांसप्लांट करवाया। इसके बाद सिर, कंधे और चेहरे में तेज दर्द और सूजन की होनी शुरू हो गई। व्यक्ति को अगले दिन एक बड़े हॉस्पिटल में भर्ती कराया पर उसकी वहां मृत्यु हो गई। एक्सपर्ट ने इस मामले में दो बातों की संभवना जताई है। पहली, इसमें व्यक्ति को 12 घंटे तक लोकल एनेस्थिसिया में रखकर ट्रांसप्लांट किया गया। तथा दूसरी, संभवत: उस को दवाओं से एलर्जी की समस्या थी। दवा रिएक्शन की होगी। मरीज का ट्रांसप्लांट से पहले एलर्जी टेस्ट नहीं किया गया होगा। उसे दवाओं से रिएक्शन की आशंका नकारी नहीं जा सकती है।
एलर्जी-सर्जरी की बात बताएं, कई टेस्ट जरूरी।
हेयर ट्रांसप्लांट में दूसरी सर्जरी जितना ही खतरा रहता है। पर इसमें सावधानी बरतकर यह जोखिम कम किया जा सकता है। इसमें एक-एक बाल को लगाते हैं। ऐसे में करीब 6-7 घंटे का समय लगता है। मरीज को बेहोशी के इंजेक्शन लगते हैं। अगर इससे ज्यादा समय तक की बेहोशी की दवा देते हैं तो रिस्क बढ़ जाती है। ट्रांसप्लांट से पहले ब्लड, एलर्जी व ईसीजी समेत कई सेफ्टी टेस्ट किए जाते हैं। अगर किसी को एलर्जी है या पहले कोई सर्जरी हुई है तो अपने डॉक्टर को जरूर बताएं।
बाल झड़ने के कारण
अनुवांशिकता बाल झड़ने का प्रमुख कारण है। इसके साथ खराब डाइट, अधिक तनाव, कुछ बीमारियां, हार्मोन का असंतुलन और दवाइयों के रिएक्शन से भी बाल झड़ते हैं।
एक्सपर्ट से करवाएं, टेक्नीशियन से नहीं।
कई हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर्स पर डॉक्टर्स की जगह टेक्नीशियन ही यह प्रोसिजर करते हैं। ऐसा न होने दें। डॉक्अर की योग्यता जानने के बाद ही ट्रांसप्लांटेशन करवाएं क्योंकि क्वालिफाइड डॉक्टर्स को फायदे-नुकसान की जानकारी होती है। कई मरीजों को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या दूसरे रोग होते हैं। इन समस्याओं को कंट्रोल करने के बाद हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया होती है। डॉक्टर क्रिटिकल केयर भी देखते हैं।
खतरनाक है ब्यूटी पार्लर में सर्जरी।
हेयर ट्रासंप्लांट के लिए कोई कानून नहीं है। इसलिए कई ब्यूटी पार्लर में भी हेयर ट्रांसप्लांट हो रहे हैं। जहां पर न तो सर्जरी और न ही इमरजेंसी की स्थिति में निपटने की सुविधा होती है। ऐसे जगहों में ट्रांसप्लांट करवाना जानलेवा हो सकता है।
दो तरह से होता है ट्रांसप्लांट।
यह दो तरीके से होते हैं। पहला, फॉलिकूलर यूनिट एक्ट्रक्शन (एफयूई) और दूसरा, कॉलिकूलर यूनिट ट्रांप्लांटेशन (एफयूटी)। एफयूई में डोनर हिस्से से दो-दो बाल निकालकर लगाए जाते हैं जबकि एफयूटी में बालों का एक हिस्सा (स्ट्रिप) निकाल लिया जाता है। इसमें टांके भी लगाने पड़ते हैं। दोनो में बालों को सेल्स सहित निकाला जाता है ताकि ट्रांसप्लांट के बाद सेल्स एक्टिव हो जाएं।
सावधानी बरतें।
ट्रांसप्लांट के एक सप्ताह तक विशेष सावधानी बरतनी होती है। ताकि किसी तरह का इंफेक्शन न हो। इसमें धूल-मिट्टी और पसीने से बचाना होता है। टोपी, हेलमेट या विग नहीं पहनना होता है। बाल धोने के लिए डॉक्टर ही तरीका बताते हैं। कुछ लोशन और एंटीबायोटिक्स दवाइयां भी दी जाती हैं। लोशन को प्रभवित हिस्से में लगाना होता है।
ट्रांसप्लांट के कुछ रिस्क:-
दर्द- इसमें थोड़ा बहुत दर्द आम बात हैं। अगर तेज दर्द हो रहा है तो डॉक्टर को इस बारे में जानकारी दें।
सुन्नपन- बाल निकालने से प्रभावित हिस्सा 3-18 सप्ताह तक सुन्न रह सकता है। इससे अधिक सुन्न रहता है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।
ब्लीडिंग- ट्रांसप्लांट के दौरान ब्लीडिंग हो सकती है। कुछ लोगों में जल्दी तो कुछ लोगों में देरी से ठीक होती है।
सूजन- चेहरे-माथे पर सूजन होना सामान्य है। लेकिन ज्यादा सूजन होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाकर इलाज लें।
अल्सर- इसमें जब बालों की जड़ें डैमेज होती है और त्वचा के एकदम अंदर तक धंस जाती हैं तो अल्सर हो सकता हैं लेकिन यह घातक नहीं होते।
इंफेक्शन- कई बार अनुचित और गंदे उपकरणों के इस्तेमाल से इंफेक्शन की आशंका रहती है। हाइजीन का ध्यान रखें।
पतले बाल- अगर बाल सही से नहीं लगते हैं तो बाद में पतले होकर झड़ने लगते हैं। कई लोगों में दोबारा से गंजापन हो सकता है।
तेजी खुजली- ट्रांसप्लांट के बाद सिर में पपड़ी बनने व खुजली होने लगती है। कुछ को शैंपू आदि से राहत मिल जाती है, कुछ में समस्या गंभीर हो सकती है।
डॉ. कवीश चौहान
हेयर ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट समन्वयक, आइएडीवीएल, दिल्ली
डॉ. प्रशांत अग्रवाल
डर्मेटोलॉजिस्ट, उदयपुर
यह लेख पत्रिका न्यूजपेपर से हेयर ट्रांसप्लांट जागरूकता के उद्देश्य से लिए लिया गया है।
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