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म्यूजिक थैरेपी से तनाव, अनिंद्र और डिप्रेशन की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। याद्दाश्त कम होने पर इसकी मदद ली जा सकती है। थैरेपी लेने वाले लोगों ने माना है कि म्यूजिक थैरेपी के प्रयोग से उनके रिश्तों में भी सुधार आया है।
आज का युवा खुद को मोबाईल, आईपॉड, इंटरनेट आदि के जरिए गाने सुनने में व्यस्त रखता है। संगीत सुनने वाले इस वर्ग में वैसे तो हर वर्ग औश्र हर उम्र के लोग शामिल होते हैं, लेकिन अधिक संख्या युवाओं की है। भागदौड़ भरी जिंदगी वाले, खासकर वर्किंग क्लास लोगों में काम की व्यस्तता के बढ़ने से कई तरह की बीमारियां भी जन्म ले रही हैं। इसके चलते इन लोगों में अवसाद, सिरदर्द जैसी बीमारियां आम बात हो गई है। लंबे समय तक एलोपैथी दवाइयां लेना भी इन हालातों में कारगर साबित नहीं होता है। यही वजह है कि अब अवसाद और तनाव से बचने के लिए लोगों ने संगीत का सहारा लेना, संगीत को अपना दोस्त बनाना शुरू कर दिया है।
गुस्सा और तनाव होता दूर
संगीत ग्रंथियों में उत्तेतना पैदा करता है, जो नर्वस सिस्टम और रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है। अच्छा और उपयुक्त संगीत व्यक्ति को रिलैक्स करता है और तरोताजा रखता है। संगीत सुनने से चिंता, गुस्सा जैसे नकारात्मक पहलू भी दूर रहते हैं। संगीत सुनने से चिंता, गुस्सा जैसे नकारात्मक पहलू भी दूर रहते हैं। संगीत सिरदर्द, पेट संबंधी विकार और चिंता को भी दूर करता है। म्यूजिक थैरेपी से भावनाओं, ब्लड प्रेशर पर काबू रखने और लीवर के कार्यो को सुचारू रूप से चलाने में भी मदद मिलती है। शोध कहते हैं कि संगीत मरीज में मोटिवेशन और सकारात्मक भावनाओं को बढ़ाता है। म्यूजिक थैरेपी का प्रयोग पारंपरिक उपचार के साथ किया जाए तो अधिक फायदेमंद होता है, इसलिए स्ट्रोक पेशेंट्स के लिए म्यूजिक थैरेपी अच्छी रहती है और मरीज को जल्दी रिकवर करने में सहायता करती है।
संगीत सुकून भी देता है
अल्झाइमर, पारकिन्संस, अन्य मूवमेंट डिसऑर्डर, ट्रॉमेटिक, स्ट्रोक, एक्यूट एंड क्रोनिक पेन, डिप्रेशन जैसी बीमारियों में म्यूजिक थैरेपी बेहद मददगार साबित होती है। हर व्यक्ति की जरूरतों के अनुसार विभिन्न प्रकार की थैरेपी दी जाती है। संगीत को बिना पैसों की दवा भी कहा गया है। कई दिलचस्प शोधों में यह तक पाया गया है कि भारी-भरकम खर्चे की तुलना में सुकून देने वाला संगीत ज्यादा कारगर साबित हुआ है।
घातक बीमारियों में लाभदायक
मनपसंद संगीत सुनने से ब्लड प्रेशर में कमी आती है, दिल की धडकन नियमित होती है।
वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि, संगीत सुनने से डिप्रेशन दूर होता है, बेचैनी कम होती है।
संगीत से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है।
संगीत चिकित्सा का इस्तेमाल प्रसव पीड़ा को कम करने के अलावा सिर दर्द और सर्दी, जुकाम जैसी रोजमर्रा की समस्याओं को दूर करने में भी हो रहा है।
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