जानिए घमौरियाँ क्या है और क्यों होती है:-
जब कभी भी पसीने की ग्रंथियों का मुंह बंद हो जाने की वजह से हमारे शरीर पर छोटे-छोटे लाल दाने निकल आते हैं, इन दानों में जलन व खुजली होती है। सामान्य भाषा में हम इसे घमौरियाँ (Prickly heat या Miliaria) कहते हैं तथा घमौरी एक प्रकार का चर्मरोग है, घमौरियाँ अक्सर हमारी पीठ, छाती, बगल व कमर के आसपास होती है। गर्म एवं आर्द्र मौसम होने की स्थति में घमैरी होती हैं।
घमौरियाँ होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
वैसे यह रोग कुछ दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है लेकिन यदि रोगी इससे अधिक परेशान हो तो इस रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार किया जा सकता है। घमौरियों का उपचार करने के लिए रोगी व्यक्ति को रात के समय में अपने पेड़ू पर गीली मिट्टी की गर्म पट्टी बांधनी चाहिए। इस रोग से पीड़ित रोगी को उत्तेजक पदार्थ वाला भोजन नहीं करना चाहिए। घमौरियों से पीड़ित रोगी को हमेशा सादा भोजन ही करना चाहिए। यदि घमौरियों से पीड़ित व्यक्ति को कब्ज की समस्या हो तो उसे रोज सुबह के समय में एनिमा क्रिया करनी चाहिए ताकि उसका पेट साफ हो सके। इसके बाद रोगी को दिन में 2 बार अपने शरीर पर मिट्टी की गीली पट्टी का लेप करना चाहिए और जब यह लेप सूख जाए तब स्नान करना चाहिए। बारिश के पानी में स्नान करन से घमौरी का रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है। घमौरियों से पीड़ित व्यक्ति को सुबह के समय में नीम की 4-5 कच्ची पत्तियां चबाने से बहुत अधिक लाभ मिलता है तथा व्यक्ति को एक बर्तन में पानी भरकर उसमें नीम की पत्तियों को डालकर उबालकर इस पानी को गुनगुना करके स्नान करना चाहिए। इस स्नान को प्रतिदिन दिन में 2 बार करने से घमौरियां ठीक हो जाती हैं।