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युवावस्था में चेहरे पर मुहांसे होना त्वचा संबंधी आम समस्या है। कई बार मुहांसों वाली जहग पर काले निशान हो जाते हैं। इलाज के बाद भी ये ठीक नहीं होते हैं। असंतुलित आहार तैंलीय पदार्थ, जंकफूड और व्यायाम की कमी से समस्या बढ़ती है। पौष्टिक आहार के साथ इन योगाभ्यास को नियमित करने कब्ज में आराम मिल सकता है। विशेषज्ञों की सलाह से ही किसी योग का अभ्यास करें।
उत्तानासन (Uttanasana Yoga)
उत्तानासन करने के लिए सावधान की मुद्र में खड़े हो जाएं। गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को जमीन की ओर लाएं। पैरों के अंगूठे को छूने का प्रयास करें। करीब 15-20 सेकंड तक इस अवस्था में रहें। इसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं। इसके नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त का संचार सुचारू होता है और त्वचा संबंधी दिक्कतें तनाव, थकान और मेनोपॉज से संबंधित समस्याएं दूर होती है।
सावधनी:- कमर दर्द की समस्या है तो इस आसन को करने से बचें।
शीतकारी प्राणायाम ( Shitkari (Cooling) Pranayama)
आरामदायक मुद्रा में बैठें। आंखो को बंद करके हाथों को ज्ञानमुद्रा में घुटनों पर रखें। तालू में जीभ को कसकर सटाएं। जबड़ों को दातों से भींचकर, होंठ खुले रखें। ‘सी’ की सिसकी घ्वनि के साथ मुंह से वायु अंदर खींचें। क्षमता अनुसार सांस अंदर रोके रखें। दोनो नासिकाओं से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। यह एक चक्र है। शुरूआत में 10-15 बार करें, फिर नियमित 15 से 30 मिनट तक करें। त्वचा और हार्मोन्स संबंधी तकलीफ में फायदा मिल सकता है।
सावधानी:- टॉन्सिल, कब्ज होने पर योगासन न करें। बीपी मरीज हैं तो चिकित्सकीय परामर्श लें।
त्रिकोणासन (Trikonasana Yoga)
इस योग को करने के लिए दोनों पैरों के बीच में अंतर रखकर खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को कंधों के बराबर उठाएं। अब दाहिने हाथ को दाहिने पैर के पंजो से छूने की कोशिश करें। इसके बाद सीधे हो जाएं। फिर सीधे खड़े हो जाएं। इसी प्रकार इस प्रक्रिया को बाएं हाथ और बाएं पैर के पंजों के साथ भी दोहराएं।
सावधानी:- उच्च रक्तचाप, हृदय रोगों, कमर, माइग्रेन और गर्दन दर्द की समस्या हैं तो विशेषज्ञ की सलाह से ही करें।
कपोल शक्ति विकासक आसन ( Kapol Shakti Vikasak Yoga)
दोनों अंगूछों से दोनों नासिका बंद करते हैं। दोनों कोहनियों को कंधों के बराबर ले जाएं। मुंह को चोंच की तरह बनाते हुए सांस लें। गाल फुलाते हुए, ठुड्डी को छाती से लगाएं। 5-6 सेकंड सांस रोककर रखें फिर धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ें। प्रतिदिन इसे 5 बार कर सकते है।
सावधानी:- हाई बीपी, गर्दन में दर्द है तो इस योगासन को न करें।
डॉ. शालिनी शर्मा
योग एक्सपर्ट
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