Panch Tatvo Se Ye Kaya Bani Yoga Poem in Hindi

Yoga Poem in Hindi

पांच तत्वों से ये काया बनी
भूमि, आकाश, हवा, पानी और अग्नि
जो जाने इसके पीछे का ज्ञान
सत्य है, उसका ही जीवन है धनी।

योग स्वयं को जानने का जरिया है
आत्म ज्ञान का दरिया है
योग वह ज्ञान है
जिसमे छिपा विज्ञानं है।

खुद से ये शरुआत करो
फिर अपने साथ, अपने परिवार
अपने समाज और अपने देश
को स्वस्थ करो और स्वच्छ करो
योग में खुद को, परिपक्व करो

शरीर हो स्वस्थ, मन में हो नियंत्रण
स्थिर जीवन का यही हो मंत्रण
न सिर्फ भारत में ही,
विदेशों में भी योग को है आमंत्रण

योगी का जीवन सरल है
पानी की तरह निर्मल है
न सिर्फ शरीर की काया बदले
मन में विचारों की भावना भी बदले

जो खुद को जान गया, उसका सब अभिमान गया

एक केंद्र में ध्यान लगाओ
जीवन को अब तुम सरल बनाओ
योग करो और योगी बन जाओ

कितनी सरल है, योग की क्रिया
स्वास को अंदर, बहार करने
की है प्रक्रिया
बहार सब विशुद्ध विचार निकालो
अंदर शुद्ध विचारो को डालो

योग ही जीवन का सार है
योग ही जीवन का विस्तार है
कम शब्दों में अगर कहूं मैं
तो योग ही जीवन का आधार है।

Renuka Kapoor Delhi

लेखिका:- रेणुका कपूर, दिल्ली
kapoorrenuka2018@gmail.com

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1 Comment

  1. बहुत ही सरल शब्दों में समझा दिया

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