सफलता क्या कहलाती है
एक नन्ही सी, चींटी की कोशिश,
हमें यह बताती हैं,
दाना लेकर नन्ही सी चींटी,
जब अपने पथ पर जाती है,
बहोत मुश्किलें आती हैं पथ पर।
पर नहीं वह घबराती है,
मन में जो विश्वास है उसके,
उसी से साहस, फिर वह कर पाती है
यही सफलता कहलाती है।
सही कहा है, किसी बड़े बुज़ुर्ग ने
“कोशिश करने वालो की हार नहीं होती
लहरों से डर कर दरिया पार नहीं होती”
सागर में एक गोताखोर,
कितनी डुबकियां लगाता है,
पर जा जा कर,
बहोत बार खाली हाथ ही आता है,
मन में जो विश्वास है उसके,
वह साथ उसी के और गहराई में जाता है,
अंत में, वह सहज ही मोती लेकर आता है,
और वह सफल कहलाता है।
सफल न होना, हार नहीं है,
गिर कर उठने की जीत सही है,
असफलता एक चुनौती है,
जो गर कभी असफल हो जाओ,
उसे भी जीवन में अपनाओ,
रुको, सोचो कहाँ सुधार की है आवश्यकता
वहां सुधार कर, आगे बढ़ते जाओ।
हार न मानो तुम जीवन में,
विश्वास का दीपक,
जला के रखो, मन में
सफलता कदम जरूर चूमेगी
तुम्हारे भी जीवन में।
लेखिका:- रेणुका कपूर, दिल्ली