वचन का महत्व !

आज के समय में हम देखते है की रिश्तों में पहले जितनी मिठास और भावनाये नहीं रही। आखिर इसकी क्या वजह है… अगर थोड़ा सा सोचे तो पाएंगे की रिश्तों में वचन बध्यता का अभाव हो रहा है। आज की पीढ़ी अपने रिश्तों को नहीं समझती और न ही रिश्तों का महत्व। अगर हम सब अपने रिश्तों के प्रति अपने कर्त्तव्य और वचन बध्यता को पूरा करे तो हमारे अपनों के बीच कितना प्रेम बढ़ेगा…

आईये जाने वचन का महत्त्व..

१. माता पिता अपने बच्चे के लिए कितने प्यार से हर कर्त्तव्य पूरा करते है, क्यों की वह अपने भगवान को वादा करते है की हमारी झोली भरो आप, हम आने वाले का बहुत ख्याल रखेंगे। अपने बच्चे के लिए माता पिता हर तरह का त्याग करते है.. इस तरह बच्चे का पहला कर्त्तव्य और वादा अपने माता पिता के लिए बनता है.. जब हम बड़े होते है तो जो हमारी जिंदगी में आते जाते है, उनके उस प्यार और देखभाल के लिए हमारी जिमेदारी बनती जाती है।

२. एक भाई अपनी बहन की रक्षा के लिए वचन बध्य होता है.. जब उस बहन ने पहली बार उसकी कलाई पर राखी बंधी थी…।

३. एक भतीजा अपने चाचा के लिए वचन बध्य होता है, उनके उसे प्यार और मस्ती के लिए जिनके साथ वह बचपन में कंधे पर घूमता था, मम्मी पाप से छूप कर जो चाचा उसकी हर इच्छा पूरी करता था…

४. एक दोस्त अपने उन सब दोस्तों के लिए वचन बध्य जो उसका साथ हर हाल में देते थे… चाहे पढ़ाई हो या मस्ती हमेशा उसके साथ…

आज रिश्तें तब कमजोर हो जाते है, जब हम अपने किये हुए पुराने वादे और वचन भूल के नए वचन और वादे निभाने में व्यस्त हो जाते है… और यह क्रम उसका आगे से आगे चलता जाता है। एक स्थिति पर जा कर लगता है की हमारे साथ कोई नहीं है.. क्यू की हम भी कभी किसी के लिए पूरी तरह जिम्मेदार नहीं थे।

पत्नी मिली तो माता पिता के लिए प्रेम कम हो गया, बेटी हुई तो बहन को भूल गए, प्यार हो गया तो दोस्त की कीमत कम हो गयी, बच्चे हो गए तो पति-पत्नी को एक दूसरे के लिए वक़्त नहीं… यह सब क्या है..

हर रिश्तों की अपनी जगह है, अगर हम हर रिश्ते को किया हुआ वह पहला वादा याद रखेंगे तोह कभी हम नए रिश्ते के लिए पुराने रिश्तें नहीं खोएंगे, और तो और नए रिश्तों को पुराने रिश्तें की वैल्यू बता कर दोनों रिश्तों में प्यार बढ़ा देंगे।


English Summery: Know The Importance of Promise in Hindi Thought By Shweta Jhanwar, Vachan Ka Mahatva

Writer Shweta Jhanwar Bhilwara

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