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लघुकथाऐं विडंबना और सच्‍चा मित्र!

विडंबना संस्‍था के अधिकारी ने एक मीटिंग की। सभी सदस्‍य उपस्थित हुए। यह निर्णय लिया गया कि अपने परिसर को हरा भरा रखने का दायित्‍व हम सब का है। इसके लिए कुछ कार्य योजना तैयार हुई। पहली योजना थी वर्षा के मौसम में वृक्षारोपण की। दूसरी योजना थी कि महीने के प्रथम कार्य दिवस पर […]

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दो लघुकथाएँ “मालिक” और “प्रेम के मायने” Short Moral Story in Hindi

लघुकथा – मालिक किसान ‘ज़मीदार’ होता है, ज़मीन का मालिक। लेकिन इसका अहसास कितने लोगों को होता है ? नत्‍थूराम के दोनों बेटे क़ाबिल थे। बड़ा बेटा रोहित एम.ए. करने के पश्‍चात प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। छोटे बेटे पंकज की इसी वर्ष बी.एस.सी. पूर्ण हो गई थी। नत्‍थूराम एक मेहनती किसान है। […]

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तीन लघु कथाएं – Short Moral Story for Students in Hindi

तीन लघु कथाएं 1- ईमानदारी – महेश राजा 2- प्रवचन – शुभम बैश्‍णव 3- पश्‍चाताप की अग्नि – शांतिलाल सोनी ईमानदारी – महेश राजा थ्री टीयर, स्‍लीपर कोच के पास बड़ी भीड़ थी। जैसे ही टीसी बोगी से बाहर निकला तो लोगों के हजूम ने उसे घेर लिया। लोग 200-500 के नोट लेकर टीसी की […]

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बाड़े की कील ने बताया गुस्‍से का प्रभाव! Motivational Story in Hindi

बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक लड़का रहता था। वह बहुत गुस्‍सैल था, छोटी-छोटी बात पर अपना आपा खो बैठता और लोगों को भला-बुरा कह देता। उसकी इस आदत से परेशान होकर एक दिन उसके पिता ने उसे कीलों से भरा हुआ एक थैला दिया और कहा कि अब जब भी […]

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लघु कथाएँ – अन्‍नदाता का अधिकार और वे चार Two Short Stories in Hindi

कथा 1 – अन्‍नदाता का अधिकार मिश्राजी अपने दोस्‍त के यहां आए थे। उनकी बेटी से बोले- ‘बेटा अब एमबीबीएस कंप्‍लीट होने के बाद आपको सरकारी अस्‍पताल में जॉइनिंग मिल गई है। पोस्टिंग कहां हुई है?’ ” ग्राम सुनारी में अंकल।” मेरी बात मानो तो शहर में ही पोस्टिंग करवा लो। पिछले साल मेरे बेटे […]

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तोहफा – सविता मिश्रा Short Moral Story in Hindi

डोरबेल बजी जा रही थी। रामसिंह भुनभुनाए ‘इस बुढ़ापे में यह डोरबेल भी बड़ी तकलीफ देती है। ‘दरवाजा खोलते ही डाकिया पोस्‍टकार्ड और एक लिफाफा पकड़ा गया। लिफाफे पर बड़े अक्षरों में लिखा था वृद्धाश्रम। रूंधे गले से आवाज दी- ‘सुनती हो बब्‍बू की अम्‍मा, देख तेरे लाडले ने क्‍या हसीन तोहफा भेजा है।’ रसोई […]

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नसीहत – लघुकथा Short Moral Story in Hindi

मुंबई स्‍टेशन पर खड़ी ट्रेन का इंजतार कर रही थी। मैं प्‍लेटफॉर्म पर बैठी पत्रिका पढ़ने का प्रयास कर रही थी। एक बच्‍चे की गिड़गिड़ाहट ने तन्‍मयता भंग की। सुबू को भूक्‍खा हैं मेम साब! पेट के वास्‍ते कुछ दो ना! आपका बच्‍चा सुखी रहेगा। देखा तो ठीक-ठाक सा चंट बच्‍चा लगा। मैंने वापस नजरें […]

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पढे़ं दो लघुकथाएं असली चेहरा और ज्ञान! Short Moral Stories in Hindi

असली चेहरा! अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर सोसाइटी की चार वायोव़द्ध महिलाओं को संमानित करके सोसाइटी के सचिव भरत जी ने तमाम महिलाओं के मन में अपनी एक खास जगह बना ली थी। अपने उद्बोधन में जब उन्‍होंने कहा था कि न सिर्फ हमें स्‍वयं हर महिला का सम्‍मान करना चाहिए बल्कि अपने बच्‍चों को भी […]

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बासी रोटी! – हृदय को छूने वाली एक छोटी कहानी! Laghu Katha in Hindi

रात के दो बजे एक कुत्ता झोपड़ी के आगे उदास बैठा था! दूसरा कुत्ता आया और बोला:- रोज तो खूब भौकता है, आज चुप क्‍यों बैठा है? उदास कुत्ता बोला:- रोटी तो कई बार नहीं मिलती है…. सामने वाली उस झोपड़ी को देख रहे हो ? दूसरा कुत्ता बोला:- हां-हां, उसे में तो दो शैतान […]

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गूंज – लधु कथा! Aatmhatya Suicide Moral Story in Hindi Kahani

बीती रात तनाव भरी गुजरने की वजह से सुबह आंख करीब दस बजे खुली। बच्‍चे कॉलेज जा चुके थे। बॉस के शब्‍द अभी भी उसके कानों में गूंज रहे थे ” प्रकाश जी आप आदमी हैं या गधे, एक काम आपसे ढंग से नही होता!” उसने शीशे में खुद को गौर से देखा फिर गहरी […]

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