बेटी का भाग्य! Kanya Bhrun Hatya Heart Touching Story Hindi

देवदूत ने सृष्टि के निर्माता के कक्ष में आते हुए कहा:- “भगवान क्या लिख रहे हो, इतनी देर से?”

भगवान् ने उसकी तरफ ध्यान दिए बगैर लिखना चालू रखा।

देवदूत ने कहा:- “सो जाइये भगवान् कई दिनों से आपने तनिक भी विश्राम नहीं किया, क्या लिख रहे है आप?”

भगवान् :- “भाग्य”

देवदूत :- “किसका?”

भगवान :- “है एक गाव की लड़की, अभी कुछ ही महीनो में उसका जन्म होगा, उसी का भाग्य लिख रहा हुँ।”

देवदूत ने हंस कर कहा :- “गाव की लड़की उसका क्या भाग्य?”

भगवान् ने क्रोधित होते हुए कहा:- “ये आम बेटी नहीं है, इसका भाग्य मेने खुद लिखा है।”

देवदूत ने कहा :- “ऐसा क्या भाग्य है इसका?”

भगवान् :- “ये लड़की बहुत पढेगी।”

देवदूत ने कटाक्ष में कहा :- “गांव में इसे कौन पढने देगा?”

भगवान् :- “ये खुद अपनी महेनत से पढेगी और अपने गाव का नाम रोशन करेगी। अपने गांव की ये एकलौती पढ़ी-लिखी लड़की पुरे गाव में क्रांति लाएगी, पुरे समाज को सुधारेगी। देखना फिर उस गाव में कोई कम पढ़ा-लिखा न होगा। देश में बड़े-बड़े लोग इसके इस कार्य से प्रभावित होंगे। उसे उसके कार्य के लिए पुरस्कार दिया जायेगा। वो अपने माँ-बाप का नाम रोशन करेगी, समझो ये साक्षात लक्ष्मी होगी। अपने माँ-बाप के सभी दुःख वो दूर करेगी। एक झोपड़े से वो उन्हें महलों तक ले जायेगी।”

देवदूत ने कहा :- “पर क्या काम का, लड़की तो पराया धन होती है.? एक दिन ससुराल चली जायेगी, फिर?”

भगवान ने कहा :- “ना, ना ये लड़की शादी के बाद भी अपने माँ-बाप को संभालेगी। अरे जिस दिन इसका भाई इसके माँ-बाप को घर से निकालेगा उस दिन यही बेटी उनका सहारा बनेगी। उन्हें किसी बात का दुःख होने नहीं देगी।”

अचानक भगवान बोलते-बोलते रुक गए। उनकी छाती में पीड़ा होने लगी।

देवदूत ने उन्हें संभाला और कहा:- “क्या हुवा भगवान?”

भगवान् की आँखों में आसू थे :- “मेरी सारी मेहनत पानी में गई देवदूत!”

देवदूत :- “क्या हुवा?”

भगवान :- “अब वो बेटी जन्म नहीं लेगी”

देवदूत:- “क्यों भगवान्?”

भगवान :- “उसकी माँ ने उसे जन्म देने से पहले ही मार डाला”

देवदूत बुरी तरह चीखा :- “क्यों……?

भगवान :- “सुनो…. उनकी आवाज… उन दुष्टों की आवाज…. वो कहते है उन्हें बेटी नहीं बेटा चाहिए, बेटा चाहिए।
देवदूत ये लोग क्यों ऐसा करते है, क्यों बेटियों को जन्म लेने से पहेले ही मार देते है….

क्यों देवदूत क्यों?

देवदूत चुप-चाप भगवान के आँसुओ से कागज पे लिखे बेटी के भाग्य को बहता देख रहा था।

अगर दिल को छु ले तो ही आगे फारवर्ड जरूर कीजियेगा कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नहीं है!!

लेखक : प्रशांत सुभाषचंद्र साळुंके

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8 thoughts on “बेटी का भाग्य! Kanya Bhrun Hatya Heart Touching Story Hindi

  1. बेटी का भाग्य कहानी के बारे में : लेखक के नाम के साथ पोस्ट करो… बहुत महेनत से एक लेखक कहानी लिखता है और अच्छे संदेश लोगो तक पहुचाता है. उसका नाम काट कर उसको नाराज करने की बजाय उसका नाम लिखकर उसकी तारीफ करो ताकि वह और दूसरी बहेतर कहानीया बना सके. इस कहानी का लेखक : प्रशांत सुभाषचंद्र साळुंके
    https://goo.gl/vmnupb
    लेखक के नाम के साथ पोस्ट करो…

    1. प्रसांत जी लेखक अज्ञात है हमें ये लेख सोसल मीडिया पर मिला था, भविष्‍य में लेखक के बारे में कुछ भी पता चलता है तो हम जरूर लेखक का परिचय जोड देगे।

    2. जी आपने सही कहा पर सोसल मीडिया में किसी के द्वारा कोई लेख शेयर किया जाता तो या तो वे लोग अपने से कर देते या लेखक का नाम हटा देते है,
      जी हां सब कुछ देखने से तो यही प्रतीत होता है की इसके लेखक आप ही है, तो कृपया हमें बताये प्रसांत जी कि हम इस लेख का क्‍या करें इसे हटा दें कि आपके नाम के साथ यही रहने दें?

      1. जी इस कहानी का लेखक में खुद हु। मेरी वर्ड प्रेस पर मेरी लेखन यात्रा पोस्ट में इसके पब्लिश डेट के साथ डिटेल है।

  2. धन्यवाद। आप कहानी रख सकते है। ज्यादा से ज्यादा लोगो तक यह संदेश पहुंचे यही मेरा आशय है। बशर्ते बतौर लेखक मेरा नाम लिखा जाए। धन्यवाद

  3. PRASHANT SUBHASHCHANDRA SALUNKE {Author, Dr. Hon. D.H.L, Reiki Grandmaster - Sensei} says:

    मेरे नाम का उल्लेख करने के लिए आपका धन्यवाद.. आप यह कहानी आपकी पोर्टल पर रख सकते है.

  4. PRASHANT SUBHASHCHANDRA SALUNKE {Author, Dr. Hon. D.H.L, Reiki Grandmaster - Sensei} says:

    जी अगर लेखक का यानी मेरे नाम का उल्लेख किया जाय तो मुझे कोई आपति नहीं आप फिल्म बना सकते है लेकिन लेखक : प्रशांत सुभाषचंद्र साळुंके को क्रेडीट देना न भुले… आप सहमती के लिये मुझे मेल कर सकते है…..

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